मॉनसून सत्र का अंतिम दिन: मार्शल ने धक्का देकर राजद नेता को निकाला
बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन है लेकिन आज भी सृजन घोटाला और बाढ़ को लेकर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया।
पटना [जेएनएन]। बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को 'सृजन घोटाले' को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, जिसके बाद विधानपरिषद में हंगामा करने वाले चार राजद एमएलसी को मार्शल ने सदन से बाहर निकाल दिया। जबकि इससे पहले कांग्रेस के विधानपार्षदों ने सदन का दूसरी पाली में बाढ़ के मुद्दे पर बहिष्कार किया।
हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही चली, उसके बाद मुख्यमंत्री ने राजद नेता सुबोध कुमार के आचरण पर सख्त आपत्ति जताई और सदस्यों से सदन की मर्यादा का पालन करने की अपील की। उसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उपसभापति से राजद नेता सुबोध कुमार पर कार्रवाई करने की मांग की जिसके बाद उपसभापति ने सदस्यों की मांग पर मामले को आचार समिति को सौंपने का नियमन दिया।
मॉनूसन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सरकार पर सृजन घोटाले में आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सृजन घोटाला मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से भी बड़ा है। इसके आरोपियों की भी लगातार मौत हो रही है। इसके बाद राजद के सदस्य हंगामा करने लगे।
संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार नियम के तहत किसी भी मामले को लेकर बहस करने को तैयार है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नोत्तर काल चलने देने की बात कही, परंतु विपक्ष कार्यस्थगन के तहत सृजन घोटाले पर बहस कराने की मांग को लेकर हंगामा करता रहा।इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इधर, विधान परिषद में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। हंगामे के कारण विधान परिषद की कार्यवाही अपराह्न 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि सरकार गरीबों की बात सदन के अंदर और बाहर दबाना चाहती है।
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उन्होंने कहा कि सृजन घोटाले को लेकर नीतीश और सुशील मोदी जब तक इस्तीफा नहीं देते तब तक सदन नहीं चलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के पद पर रहते सृजन घोटाले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। गौरतलब है कि पहले चार दिन भी सृजन और बाढ़ के मुद्दे को लेकर दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही।