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Bihar Assembly Elections 2020: एकतरफा संवाद से छूट रहा महागठबंधन के छोटे दलों का धैर्य

एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट है तो महागठबंधन में धुंध कायम है। वजह है राजद की चुप्पी। जानें कैसे बन रहे हैं समीकरण-

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 05:13 PM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 10:20 PM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020: एकतरफा संवाद से छूट रहा महागठबंधन के छोटे दलों का धैर्य
Bihar Assembly Elections 2020: एकतरफा संवाद से छूट रहा महागठबंधन के छोटे दलों का धैर्य

दीनानाथ साहनी, पटना। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट होती जा रही, वहीं महागठबंधन में धुंध कायम है। वजह है राजद की चुप्पी। घटक दलों का धैर्य छूटने लगा है। स्थिति ऐसी है कि कुछ घटक दलों ने अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में अकेले लडऩे के विकल्प पर भी काम शुरू कर दिया है। 

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महागठबंधन में भाकपा, माकपा, भाकपा माले, रालोसपा और वीआइपी की उम्मीद राजद के फैसले पर टिकी है। उधर, राजद नेता किसी तरह के फैसले पर पहुंच ही नहीं पा रहे। संकेत भी नहीं दे रहे। सीटों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से इन दलों को लग रहा है कि कहीं वे प्रचार युद्ध में पिछड़ नहीं जाएं। 

एकतरफा संवाद और राजद की चुप्पी 

महागठबंधन में एकतरफा संवाद हो रहा है। राजद और कांग्रेस के बीच कुछ तय हो रहा। उधर, वामपंथी दल, रालोसपा और वीआइपी भी एक-दूसरे के संपर्क में हैं, संशय में भी। घटक दलों का कहना है कि महागठबंधन का सबसे बड़ा दल राजद को बैठक बुलानी चाहिए। बातचीत आगे बढ़नी चाहिए। 

नीतीश से बिहार को मुक्त करने का उद्देश्य ः उपेंद्र कुशवाहा

रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा कहते हैं कि हमलोगों का एक ही मकसद है, एनडीए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार को मुक्त कराना। सीट बंटवारे पर अभी तय नहीं हुआ है। इसका फैसला महागठबंधन के नेताओं को सामूहिक रूप से करना चाहिए। जाहिर है, महागठबंधन के घटक दलों के सब कुछ सामान्य नहीं है। महागठबंधन में चुनाव अभियान को लेकर अब तक न तो समन्वय समिति बन पायी है और न ही मुख्यमंत्री के चेहरे पर कोई आम सहमति बनती दिख रही है। हालांकि, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह सिंह इससे सहमत नहीं हैं। कहते हैं, महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है। इसका स्वरूप तय है। 

सीट बंटवारे को लटका कर रखना उचित नहीं

भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल कहते हैं कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लटका कर रखना उचित नहीं है। यह बात मेरी समझ से परे है। घटक दलों के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। 16 सितम्बर को पार्टी ने चुनाव अभियान की बैठक बुलाई है, ताकि अपने स्तर पर प्रचार अभियान तेज किया जा सके।

घटक दलों के प्रति होना चाहिए सम्मानजनक व्यवहार 

मकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार कहते हैं कि महागठबंधन में सीट बंटवारे का फैसला राजद को जल्द करना चाहिए। घटक दलों के प्रति सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए। अन्यथा, सब गड़बड़ हो जाएगा। हमने अपने स्तर से चुनाव अभियान शुरू कर दिए हैं।

सीट बंटवारे में देर होने से जनता में जा रहा गलत संदेश 

भाकपा के सचिव राम नरेश पांण्डेय कहते हैं कि महागठबंधन में सीट बंटवारे में देर होने से जनता में गलत संदेश जा रहा है। देर से सीट बंटवारे होने पर एनडीए को लाभ हो सकता है।


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