Bihar Assembly Election: पार्टी में टूट की आशंका से आक्रमक हुई LJP, तेजस्वी से चिराग के मिले सुर
Bihar Assembly Election 2020 एलजेपी में टूट की आशंका से चिराग पासवान काफी चिंतित हैं। माना जा रहा है कि पार्टी के तीन सांसद बाहर जाने को तैयार हैं। मामला चौथे के कारण अटका है।
पटना, स्टेट ब्यूरो। Bihar Assembly Election 2020: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) इन दिनों यूं ही आक्रामक नहीं। पार्टी के अंदरखाने यह बात तेजी से चल रही है कि चुनाव के पहले ही कहीं एलजेपी टूट न जाए। संसदीय दल के टूटने की भी चर्चा तेज है। बात यह हो रही है कि अगर एक सांसद ने हां कह दिया तो फिर छह सांसदों के संसदीय दल में टूट तय हो जाएगी, क्योंकि तीन पहले से राजी बताए जा रहे हैं। तेजस्वी (Tejashwi Yadav) के सुर के साथ चिराग के कोरस की एक वजह यह भी माना जा रहा है।
तीन सांसद टूटने की लाइन में, चौथे के कारण अटका मामला
एलजेपी कई बार टूूट चुकी है। इस बार यह चर्चा है कि उसके तीन सांसद पार्टी को अपने भविष्य के हितों का ख्याल कर नमस्कार करने की तैयारी में हैं। फिलहाल वे किसी पार्टी में शामिल न होकर एक संगठन का पार्टी के रूप में निबंधन कराने की योजना के साथ आगे बढ़ रहे हैैं। उनमें से एक ऐसे सांसद भी हैं, जो बड़ी से बड़ी टूट के समय पार्टी से जुड़े रहे, लेकिन इन दिनों अपने को दरकिनार (साइड लाइन) कर दिए जाने से वहां से निकलने का मन बना चुके हैैं। दूसरे सांसद को एलजेपी से टिकट ही किसी दूसरी पार्टी के दिग्गज के कहने पर मिला था। वह अपनी अगली पीढ़ी के लिए चिंतित हैं। इसलिए योजना है कि जिसने लोकसभा का टिकट दिलाया उसके साथ हो लिया जाए। तीसरे की आस्था आरंभ से ही दूसरे दल के साथ स्वाभाविक रूप से रही है। ऐसे में उनका भी मन निकल लेने को है। रही चौथे की बात तो वह आरंभ से प्रतिबद्ध (लॉयल) रहे हैैं। फिलहाल उन्हीं की वजह से मामला अटका हुआ है।
टिकट और भविष्य से जुड़ी है नाराजगी
पार्टी के अंदरखाने यह चर्चा है कि माह भर के भीतर ही लोगों का गुस्सा रंग दिखा सकता है। मामला अपने लोगों के टिकट से भी जुड़ा है। पार्टी में किनारे हो चुके लोग यह मान रहे कि उनके करीबियों को तो टिकट मिलने से रहा। बाद में इस मसले पर उनकी बेइज्जती न हो जाए, इस वजह से पहले ही निकल लिया जाए। पिछले चुनाव में एलजेपी के टिकट पर दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी भी अपने को फंसा हुआ देख नई राह की तलाश में हैं। इसमें वैसे लोग भी शामिल हैैं जो रामविलास पासवान के समय पार्टी की मुख्य धारा में थे।
चर्चा में सरकार के खिलाफ वाली बातें
गोपालगंज के सत्तर घाट पुल के ध्वस्त होने की खबर मात्र पर चिराग पासवान ने जिस तरह से सरकार के खिलाफ और भ्रष्टाचार की बात कहकर ट्वीट किया, वह गुरुवार को खूब चर्चा में रहा। सत्ताधारी गठबंधन में उनकी इस टिप्पणी को वैसे बहुत तवज्जो नहीं दी गई। इससे पहले भी चिराग सरकार पर उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों की अनदेखी और उनकी बातों पर मौन साध लेने का आरोप लगाते रहे हैं।