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Bihar Election: उपेंद्र कुशवाहा ने छोड़ा महागठबंधन तो गरमाई बिहार की सियासत, NDA ने कहा 'वेलकम'

Bihar Assembly Election 2020 बिहार के विपक्षी महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन छोड़ देने से सियासत गरमा गई है। अब एनडीए कुशवाहा को अपने पाले में करने को बेताब दिख रहा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 09:51 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 09:50 PM (IST)
Bihar Election: उपेंद्र कुशवाहा ने छोड़ा महागठबंधन तो गरमाई बिहार की सियासत, NDA ने कहा 'वेलकम'
राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्‍यक्ष व पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा।

पटना, जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020: महागठबंधन (Mahagathbandhan) में राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के कड़े रूख को लेकर बिहार में सियासत गरमाती दिख रही है। जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) के बाद अब उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने भी अलग राह पकड़ ली है। इसका फैसला आरएलएसपी की बैठक में गुरुवार को किया गया। बैठक में कुशवाहा ने महागठबंधन के आगे की राह पर विचार की बात भी कही। इस बीच सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने कुशवाहा को अपने पाले में करने की कोशिश शुरू कर दी है। बताया जाता है कि राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) अंतिम समय तक डैमेज कंट्रोल में लगा रहा, लेकिन बात नहीं बनी।

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महागठबंधन में नाराज चल रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा

विदित हो कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर उपेंद्र कुशवाहा नाराज चल रहे थे। वे महागठबंधन में सीटों के सम्‍मानजनक बंटवारे को लेकर वे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित कांग्रेस के  कई नेताओं से  मुलाकात कर चुके थे, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका। इस बीच आरजेडी ने उनकी पार्टी के नेताओं को अपने पाले में करने की नीति भी अपना ली। इससे कुशवाहा नाराज हो गए थे। इसके बाद पार्टी की आपात बैठक में सर्वसम्‍मति से महागठबंधन छोड़ने का फैसला लिया गया।

एनडीए ने कुशवाहा से जताई सहानुभूति, किया वेलकम

उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन को लेकर रूख को देखते हुए एनडीए उन्‍हें अपने पाले में करने की कोशिश में लग गया है। ऐसे में कुशवाहा से सहानुभूति जताते तथा उन्‍हें अपने पाले में आमंत्रित करते बयान आने लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्‍ता निखिल आनंद ने कहा है कि महागठबंधन में कुशवाहा को वह सम्‍मान नहीं मिला जो उन्‍हें एनडीए में मिलता था। इस मामले में फैसला तो उन्‍हें ही करना है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रवक्‍ता संजय सिंह कहते हैं कि तेजस्‍वी के अहंकार के कारण पहले मांझी और अब कुशवाहा भी चले गए। जीतनराम मांझी ने कहा‍ कि जो उनके साथ हुआ, वही कुशवाहा के साथ हो रहा थ। आरजेडी सभी को साथ लेकर चलने के लिए तैयार नहीं है।

आरएलएसपी बोली: जहां सम्‍मान मिलेगा, वहां रहेंगे

सवाल यह कि अब आगे क्‍या? इसपर उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि अगर आरजेडी तेजस्‍वी को नेतृत्‍व से हटा दे तो वे महागठबंधन में वापस आ सकते हैं। जा‍हिर है, ऐसा नहीं होने जा रहा है। आरएलएसपी के प्रधान महासचिव आनंद माधव इशारों में कहते हैं कि जहां सम्‍मान मिलेगा, वहां रहेंगे।

अंतिम समय तक डैमेज कंट्रोल में जुटा रहा आरजेडी 

पूरे मामले में आरजेडी दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं दिखा, लेकिन अंतिम समय तक डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी करता रहा। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्‍यंजय तिवारी दावा करते रहे कि महागठबंधन एकजुट है और कोई कहीं नहीं जा रहा है। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ।


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