Bihar Assembly Election 2020: बिहार की मुखिया और एमएलए ने सेल्फी भेज किया डिमांड, विधानसभा में मिले 50% उम्मीदवारी
Bihar Assembly Election 2020 महिला विधायकों ने 50 प्रतिशत उम्मीदवारी की बात पार्टी हाईकमान तक पहुंचाने की बात भी कहीं। कहा राजनीतिक हिस्सेदारी से ही बेटियो को मिलेगा हक।
पटना, जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020: पूरे बिहार से 50 महिला विधायकों (Women MLAs) और मुखिया (Mukhiya) ने एक अनोखे कैंपेन (Campaign) में हिस्सेदारी कर आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Poll) में 50 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों (Women candidate) को टिकट देने की मांग रखी है। इन महिलाओं ने बिहार के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों (Political Parties) से 50 प्रतिशत टिकट महिला उम्मीदवारों को देने की मांग रखी है। कुछ पुरुष सरपंचों और मुखिया ने भी इनकी आवाज बुलंद की है। उन्होंने भी अपनी फोटो और महिला उम्मीदवारों के पक्ष में नारे (Slogan) लिखकर 50 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की मांग की है।
बिहार में पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण, अब विधान सभा की बारी
बिहार में यह अभियान शक्ति-पॉलिटिकल पॉवर टू वीमेन एक वॉल्यून्टरी ऑर्गेनाइजेशन चला रही है, जो पूरे देश में राजनीति में महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर अभियान चलाती है। शक्ति से जुड़े बिहार के कुछ स्वयं सेवी संस्था (NGO) महिला एवं पुरुष मुखिया, सरपंच एवं प्रमुख राजनीतिक दलों के महिला विधायकों तक पहुंचे। जब उन्होंने उपरोक्त जनप्रतिनिधियों के मन को टटोला तो सबने खुलकर महिला उम्मीदवारों का समर्थन किया। उनका कहना है कि बिहार ने सबसे पहले पूरे देश में पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
अब भी मात्र 11 प्रतिशत भागीदारी
उल्लेखनीय है कि आज भी विधानसभा में उनकी भागीदारी मात्र 11 प्रतिशत है। यह तब है जब विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने मात्र नौ प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को टिकट दिए।
सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की महिला विधायकों ने की भागीदारी
शक्ति की को-फाउंडर तारा कृष्णा स्वामी ने बताया कि इस कैंपेन में 50 महिला मुखिया और सरपंच ने अपनी सेल्फी भेजकर 50 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने की मांग रखी है। इनके अलावा राजद, बीजेपी, जदयू और कांग्रेस की 16 महिला विधायकों ने ने भी कैंपेन से जुड़कर महिला उम्मीदवारों की मांग को बुलंद किया है। उन्होंने अपने-अपने पार्टी हाई कमान तक इस मांग को पहुंचाने की सहमति दी है। कैंपेन के तहत बिहार के आठ महिला विधायकों से संपर्क नहीं हो पाया। एक की तबीयत ठीक नहीं थी। तीन महिला विधायकों ने इस कैंपेन में दिलचस्पी नहीं ली। शक्ति के साथ सखीरी महिला विकास संस्थान, ज्योति महिला समाख्या, बिहार आंबेडकर स्टूडेंट्स फोरम, गौरव ग्रामीण महिला विकास मंच, सेंटर फॉर सोशल इक्विटी एंड इन्क्लूसिव आदि संस्थानों ने इस कैंपेन में सहयोग किया।
राजनीतिक भागीदारी के बगैर नहीं बनेगी बात
बिहार आंबेडकर स्टूडेंट्स फोरम के अजय रविदास ने बताया कि जब उन्होने इस संबंध में जमुई के जनप्रतििनिधियों से बात की तो उनका कहना था कि जब तक महिलाओं को राजनीतिक नेतृत्व में हिस्सेदारी नहीं मिलती उन्हें समाज में बराबरी का हक मिलना मुश्किल है।