Bihar Assembly Election 2020: विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बदला प्रचार व पलटवार का अंदाज, तुकबंंदिया और नारे हो रहे वायरल
Bihar Assembly Election 2020 डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को भुनाने के लिए गढ़े जा रहे सकारात्मक नारे। विपक्षी दलों पर पार्टी का रुख रहेगा आक्रामक नकारात्मक प्रचार से परहेज।
पटना, रमण शुक्ला। Bihar Assembly Election 2020 : चुनावी अधिसूचना की तारीख को करीब पाकर भाजपा (BJP) प्रचार और पलटवार के अंदाज में नए-नए प्रयोग कर रही है। रणनीतिकार इस बार पार्टी के लिए बेहतर मौका भाप रहे, लिहाजा नकारात्मक बातों और मुद्दों से किनारा किया जा रहा। इसी के साथ सोशल मीडिया (Social Media) से लेकर सार्वजनिक प्रतिक्रिया तक में सकारात्मक राजनीति पर सर्वाधिक फोकस है।
भाजपा की कोशिश राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ तुलनात्मक आंकड़ों के जरिए नाराज मतदाताओं को मनाने की है। राष्ट्रीय नेतृत्व का स्पष्ट संदेश है कि हमें जनता को राजग सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराना है। प्रचार-प्रसार में आक्रामकता की कतई कमी न हो, लेकिन रुख-रवैया सकारात्मक रहे। प्रदेश के नेताओं के साथ प्रवक्ता और मीडिया पैनल के सदस्य पार्टी के इस निर्देश पर बखूबी अमल भी कर रहे।
सकारात्मक प्रचार पर रहेगा जोर
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल बताते हैं कि सोशल मीडिया नकारात्मक प्रचार का मंच बन गया है, लेकिन भाजपा का जोर सकारात्मक प्रचार-प्रसार पर है। राजग सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों पर हमारा फोकस होगा। बिहार में तीन वर्ष की डबल इंजन सरकार की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी कुछ दिया है। किसान स्पेशल ट्रेन एक उदाहरण है। बिहार में 2014 से पहले संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के पांच वर्षों के शासन-काल में महज तीन सौ किलोमीटर रेल लाइन बनी। 2014 के बाद अभी तक दोगुनी से ज्यादा यानी सात सौ किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण पूरा हुआ है। देश में माल गाड़ी और यात्री गाड़ी को अलग-अलग ट्रैक पर चलाने की तैयारी है। बिहार में 250 किलोमीटर लंबे डेडिकेटेड रेल कॉरीडोर पर काम चल रहा है। लाखों किसानों और महिलाओं के खाते में सीधे आर्थिक सहायता दी जा रही। गरीबों को मुफ्त अनाज जैसी तमाम योजनाओं से भाजपा को काफी उम्मीद है। हालांकि राजद और कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ आक्रामक रुख की रणनीति जारी रहेगी।
जून से बदली रणनीति
भाजपा ने जून में ही सकारात्मक प्रचार का रोडमैप तय कर काम शुरू कर दिया था। उसी रणनीति के तहत स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बार-बार यह नारा बुलंद करते रहे : 'हारेगा कोरोना, जीतेगा बिहार ' । चुनावी माहौल के बनते ही भाजपा ने लालू के जंगलराज की याद दिलाने के बजाय प्रचार के लिए बिहार की बर्बादी बनाम विकास का लाइन तय किया। इसके तहत पार्टी ने नया नारा दिया : 'न भूला है न भूलेगा बिहार' । दरअसल, जून से ही पार्टी के डिजिटल वार-प्रतिवार का कलेवर बदल गया। बात चल निकली थी कि उसी बीच विपक्ष कोरोना का हवाला देते हुए चुनाव टालने के लिए आवाज बुलंद करने लगा। फिर पार्टी ने सकारात्मक तरीके से ही करारा जवाब दिया।
तीन वीडियो जारी कर जमाया रंग
'भाजपा तैयार, आत्मनिर्भर बिहार। ' यही नहीं, विपक्ष ने जब सरकार के कामकाज पर अंगुली उठाई तो पार्टी ने तुलनात्मक संदेश देने का चक्रव्यूह तैयार किया। नया नारा दिया : 'फर्क साफ है।' रोजगार और विकास को लेकर विपक्ष को आईना दिखाते हुए भाजपा अब कह रही है : 'रोशनी दी है, रोजगार भी देंगे।' सोशल मीडिया पर पार्टी लगातार लघु वीडियो के जरिए हर वर्ग को रिझाने में जुटी हुई है। अब तक जारी तीन वीडियो से प्रचार का रंग जमने लगा है।
यारों के यार-दुश्मन पर भारी, हम बिहारी
बिहार के चुनावी दंगल के बीच भाजपा का थीम सांग सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दो मिनट दस सेकेंड के ऑडियो-वीडियो गीत में 'देश का गौरव हम बिहारी, यारों के यार-दुश्मन पर भारी...पुरजोर तैयारी, बने आत्मनिर्भर बिहारी...' जैसी तुकबंदियां हैं। वीडियो में ग्रामीणों की मुस्कान, बच्चों से लेकर युवा और महिलाओं पर फोकस किया गया है। बिजली, सड़क और गली-नाली निर्माण के जरिए गांव से लेकर शहर के चकाचौंध वाले जीवन को दर्शाया गया है।