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घर लौटे प्रवासियों की काबिलियत का बिहार कद्रदान, 19 हजार कामगारों को मिलेगा रोजगार

परदेस से बिहार लौटे कामगारों को रोजगार देने के लिए सरकार आगे आई है। पटना जिले में ही अब तक 19300 कामगारों के लिए वैकेंसी सूचीबद्ध कर दी गई है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 11:53 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 11:53 AM (IST)
घर लौटे प्रवासियों की काबिलियत का बिहार कद्रदान, 19 हजार कामगारों को मिलेगा रोजगार
घर लौटे प्रवासियों की काबिलियत का बिहार कद्रदान, 19 हजार कामगारों को मिलेगा रोजगार

श्रवण कुमार, पटना। कोरोना संक्रमण संकट के दौरान घर लौटे परदेसियों की काबिलियत के कद्रदान अब बिहार में ही मिलने लगे हैं। सरकारी निर्माण एजेंसियों और कांट्रेक्टरों से लेकर निजी औद्योगिक प्रतिष्ठानों तक से प्रवासी मजदूरों की डिमांड आने लगी है। सिर्फ पटना जिले में ही अब तक 19,300  कामगारों के लिए वैकेंसी सूचीबद्ध कर दी गई है। क्वारंटाइन सेंटरों में कुशलता का आकलन कर वैकेंसी के हिसाब से कामगारों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जाने लगा है। अब तक 7200 से अधिक प्रवासियों की कुशलता का आकलन किया जा चुका है।

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क्वारंटाइन सेंटर में ही तैयारी

लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों या शहरों से पटना आए श्रमिकों को रोजगार देने के लिए क्वारंटाइन सेंटर से ही तैयारी प्रारंभ की गई है। डीएम कुमार रवि ने उप विकास आयुक्त रिची पांडेय की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर प्रवासियों की स्किल मैपिंग करानी शुरू की।

इन विभागों में मिलेगी नौकरी

कामगारों की कुशलता के अनुसार उद्योग, श्रम, पीडब्लूडी, ङ्क्षसचाई, आरडब्लूडी, पीएचईडी, ग्रामीण विकास, जीविका, बियाडा, कृषि, वन एवं पर्यावरण और भवन निर्माण जैसे विभागों में रोजगार की रणनीति बनाई गई है। इसके अतिरिक्त निजी औद्योगिक प्रतिष्ठानों को भी कामगार मुहैया कराने की तैयारी है। सरकारी विभागों, निर्माण एजेंसियों के अलावा दनियावां स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी और रेडिमेड गारमेंट प्रतिष्ठानों ने भी रुचि दिखाई है। शासन और प्रशासन के स्तर पर दस-दस श्रमिकों का समूह बनाकर उन्हें टूल्स, अन्य साधन और फंड की व्यवस्था भी की जा रही है।

कुशल कामगारों के लिए अवसर

पटना की उप विकास आयुक्त रिची पांडेय ने कहा कि अबतक 301 प्रोजेक्ट के लिए कामगारों की डिमांड आ चुकी है। भवन निर्माण, सड़क निर्माण जैसे कार्यों में लगी निर्माण एजेंसी, एलएंडटी, आइजीएमएस जैसे प्रतिष्ठानों ने जरूरत के हिसाब से प्रवासियों को रोजगार के लिए ऑफर किया है। इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर के लिए ज्यादा डिमांड है। कुशल कामगारों के लिए अवसर प्रदान करने के साथ ही कौशल विकास की योजना भी प्रशासन के स्तर से चलाई जाएगी। स्वरोजगार पर भी फोकस रहेगा।

क्षमता के हिसाब से दिए जाएंगे काम

पटना जिले के महाप्रबंधक उद्योग उमेश कुमार ने कहा कि 'प्रवासियों कामगारों को कुशलता और क्षमता के हिसाब से काम दिए जाने हैं। सरकारी विभाग, निर्माण एजेंसी या निजी प्रतिष्ठानों को अगर कामगारों की जरूरत है तो shramsadhan.bih.nic.in पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराएं। रजिस्ट्रेशन के उपरांत अपनी आवश्यकताओं का विवरण दे दें। उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से श्रमिक मुहैया कराए जाएंगे। अभी तक इस पोर्टल के जरिए पटना जिले के लिए 19,300 श्रमिकों की वैकेंसी सूचीबद्ध हो चुकी है।


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