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नाले में गिरे दीपक के बहाने शराबबंदी और स्मार्ट सिटी की खुल गई पोल, जानिए

पटना के एसकेपुरी इलाके के पुनाईचक संप हाउस के नाले में गिरे दस साल के बच्चे दीपक की तलाश आज भी जारी है। दीपक तो नहीं मिला, लेकिन उसकी खोज ने सिस्टम की पोल खोल दी है। जानिए...

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 02:19 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 04:06 PM (IST)
नाले में गिरे दीपक के बहाने शराबबंदी और स्मार्ट सिटी की खुल गई पोल, जानिए
नाले में गिरे दीपक के बहाने शराबबंदी और स्मार्ट सिटी की खुल गई पोल, जानिए

पटना [जेएनएन]। पटना के पुनाईचक संप हाउस नाले में शनिवार की दोपहर को गिरे 10 वर्षीय बच्चे दीपक काअभी तक तो कोई पता नहीं चला है। लेकिन, इस घटना ने सिस्‍टम की नाकामियों व भ्रष्‍टाचार की कई परतों को उधेड़कर रख दिया है। स्‍वच्‍छता अभियान व स्‍मार्ट सिटी के दावे करने वाले पटना की सड़कों पर मवेशी के विचरण को रोक दिया गया होता तो यह हादसा नहीं होता।

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घटनास्‍थल पर मवेशी कूड़ा में भोजन की तलाश में जाते हैं। नगर निगम की लापरवाही के कारण नाला खुला था। नियमित सफाई की बात कौन कहे, निगम के पास न तो नाला का नक्‍शा मिला, न ही पिछली सफाई का रिकार्ड। लोगों की मानें तो इस नाले की सफाई करीब 50 साल पहले हुई थी। नाला कई जगह धंसा हुआ भी मिला है। इस कारण दीपक को खोजने में परेशानी आ रही है।

बड़ी बात यह भी कि हर पल अलर्ट मोड में रहने वाली एनडीआरएफ की टीम भी सूचना के घंटों बाद मौके परपहुंची। बहरहाल, दीपक की खोज जारी है। अभी तक दीपक तो नहीं मिला है, लेकिन शराबबंदी की हवा निकालती शराबबंदी के बाद की शराब की बोतलें जरूर मिलीं हैं।

दीपक की तलाश आज 19 नवंबर सोमवार को भी जारी है। लगातार गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लेकिन, सफलता हाथ नहीं लग रही है। 

रविवार को एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के करीब 100 जवानों ने घटनास्थल से 500 मीटर तक अंडरग्राउंड नाले में सर्च ऑपरेशन चलाया। जवान 20 ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य उपकरणों के साथ नाले के अंदर गए। लेकिन, रविवार की देर रात तक फल विक्रेता गुड्डू के इकलौते पुत्र दीपक काे नहीं खोज सके।

नगर निगम के कर्मियों और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवानों ने नाले से जहरीली गैस को भी निकला। 500 मीटर तक चले सर्च ऑपरेशन में जवान 20 मीटर तक नहीं जा सके। दरअसल इतनी दूरी तक 5 फीट के व्यास के इस नाले में करीब 3-4 फीट गाद जमी है। भारी मात्रा में फेविकोल, लकड़ी, मरा जानवर, ईंट, पत्थर समेत अन्य चीजें जमा हैं।

एनडीआरएफ जवानों ने बताया कि गाद इतनी ठोस हो गई है कि संप हाउस का पानी खोलने के बाद भी वह टूट नहीं रही है। पानी साइड से धीमी रफ्तार से निकल रहा है। जवानों को आशंका है कि दीपक इसी 20 मीटर में जमी गाद में फंसा है। 

कहा था-संप हाउस होकर मत जाना

दीपक के पिता गुड्डू बोरिंग रोड के यमुना अपार्टमेंट के पास 8 साल से फल बेचते हैं। उन्होंने कहा कि दीपक उन्हें रोज दोपहर का खाना पहुंचाने आता था। शनिवार की दोपहर भी वह पड़ोस के ही एक लड़के के साथ खाना लेकर आया था।

लौटते वक्त उसे 1100 रुपए देकर मां को देने को कहा था। इसके अलावा चॉकलेट खाने के लिए 10 रुपए भी दिए। उसे कहा था- बेटा संप हाउस होकर मत जाना। उधर रास्ता ठीक नहीं है। उसने मेरी बात मान लेता तो यह घटना नहीं होती।

डीएम बोले- ढंके जाएंगे शहर के खुले सभी नाले

पुनाईचक संप हाउस के पास नाले में गिरे दीपक को खोजने के लिए अभी रेस्क्यू जारी रहेगा। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू में लगी है। रविवार को घटनास्थल पर डीएम कुमार रवि और नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन पहुंचे। वहां की वस्तुस्थिति से अवगत हुए।

डीएम ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम खोजने में लगी है। रास्ते में एक जगह रोड कटिंग कर नाले के अंदर खोजने का प्रयास किया जाएगा। सर्च के लिए लगभग 8-10 फीट की दूरी और बची है। ऐहतियात के तौर पर संप हाउस के पास पीछे वाले भाग में तत्काल बैरिकेडिंग कराई जा रही है और वहां जाली लगाने को कहा गया है। शहर में जहां कहीं भी खुले नाले हैं उन्हें ढंका जाएगा।

नाले के रूट की सही जानकारी नहीं  

 पुनाईचक नाले का निर्माण 1969 में हुआ है। तबसे एकबार भी उड़ाही नहीं हुई है। जिस समय नाला बना, उस समय के सीवरेज इंजीनियर, नगर निगम कर्मी व अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। कई का निधन भी हो चुका है। जो इंजीनियर, अधिकारी व कर्मी मौके पर मौजूद हैं उन्हें इस नाले के सही रूट के बारे में जानकारी नहीं है। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि नगर निगम के इंजीनियर को रूट की सही जानकारी नहीं है। इससे भी ऑपरेशन में कठिनाई हो रही है।


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