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LJP में टूट के साथ बिहार में बड़ी सियासी हलचल, चिराग के खिलाफ बहुत पहले ही लिखी जा चुकी थी बगावत की पटकथा

बिहार की सियासत से जुड़ी यह आज की सबसे बड़ी खबर है। एलजेपी में टूट से बिहार में बड़ी सियासी हलचल भले ही आज तेज हो लेकिन चिराग पासवान के खिलाफ इसकी पटकथा बहुत पहले लिखी जा चुकी थी। बस वक्‍त का इंतजार था।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 06:03 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 06:21 AM (IST)
LJP में टूट के साथ बिहार में बड़ी सियासी हलचल, चिराग के खिलाफ बहुत पहले ही लिखी जा चुकी थी बगावत की पटकथा
पशुपति कुमार पारस, रामविलास पासवान के साथ चिराग पासवान। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। बिहार की सियासत (Bihar Politics) में एक बार फिर हलचल है, जब लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के पांच सांसदों ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। वैसे, इसकी पटकथा पार्टी नेता रामविलास पासवान के निधन (Ram Vilas Paswan Death) के बाद से ही लिखी जाने लगी थी। उनके निधन के बाद ही यह खबर सियासी हलके में जोरों से फैली थी कि पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के नेतृत्व में चार सांसद अलग हो रहे हैं। उनके हस्ताक्षर से एक पत्र भी जारी किया गया था, जो लीक हो गया था। यद्यपि पारस ने तुरंत इसका खंडन कर दिया था कि ऐसा कुछ नहीं है और इस समय वे अपने भाई रामविलास पासवान के शोक में हैं। उस समय जो कुछ भी हुआ, भले ही उसे सियासी धुआं बताकर मामले का पटाक्षेप कर दिया गया, पर कहीं-न-कहीं आग तो लगी थी।

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तक रामविलास की मौजूदगी में दब गया था  असंतोष

उस वक्त पशुपति प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे, जिन्हें दलित मोर्चा (Dalit Morcha) की जवाबदेही देते हुए यहां से अलग कर दिया गया। इसको लेकर भी कई बातें सियासी हलके में तैर रही थीं। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के समय वैशाली की सीट को लेकर अनबन हुई थी, पर तब रामविलास मौजूद थे। सो, यह सब बातें अंदरखाने दबी रह गईं।

चिराग के नेतृत्व के खिलाफ उठ रहे थे बगावत के सुर

इधर, चिराग पासवान के नेतृत्व संभालने के बाद पार्टी में बगावत के सुर भी गाहे-बगाहे उठ रहे थे, पर यह बहुत खुले रूप में सामने नहीं आया। मौजूदा परिप्रेक्ष्य में यह कहा जा सकता है कि स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी, पर वक्त का इंतजार था।

पारस को पीएम मोदी सरकार में मिल सकती है जगह

सूत्र बताते हैं कि पशुपति पारस इधर एक दिन के लिए पटना भी आए थे और तुरंत वापस चले गए। इस राजनीतिक घटनाक्रम में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता एवं सांसद ललन सिंह (Lalan Singh) की भी भूमिका बताई जा रही है, जिनसे पारस की बातचीत हुई है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विस्तार (Cabinet Expansion of PM Narendra Modi Government) की अटकलों के बीच यह कयास भी लगाया जा रहा है कि इस गुट में भी किसी को प्रतिनिधित्व मिल जाए। यह सब भविष्य के गर्भ में है, पर बिहार में अपना एक अलग वजूद बनाने वाली एलजेपी इस समय टूट के कगार पर पहुंच चुकी है।


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