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Remdeshivir Crisis: पटना के अस्पताल ने कोरोना मरीजों के इलाज में इंजेक्शन पर लगाया बैन, डॉक्‍टरों ने भी कही ये बात

Remdeshivir Crisis कोरोनावायरस संक्रमण के इलाज में जिस रेमडेसिविर को लेकर हाहाकार मचा है वह इलाज में किसी काम का नहीं निकला। पटना के एनएमएसीएच ने कोरोना मरीजों के इलाज में इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके उपयोग पर आइएमए व डॉक्‍टरों ने भी अपनी राय दी है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 02:00 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 09:31 PM (IST)
Remdeshivir Crisis: पटना के अस्पताल ने कोरोना मरीजों के इलाज में इंजेक्शन पर लगाया बैन, डॉक्‍टरों ने भी कही ये बात
कोरोना संक्रमण के इलाज में प्रयुक्‍त रेमडेसिविर इंजेक्‍शन, जिसपर एनएमसीएच ने लगाया प्रतिबंध।

पटना, जागरण टीम। Remdeshivir Crisis कोरोनावायरस संक्रमण (CoronaVirus Infection) के इलाज के लिए तीन हजार रुपये के जिस रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) के लिए 40-50 हजार तक की कालाबाजारी हो रही थी, वह इलाज में किसी काम का नहीं निकला। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की गाइडलाइन के अनुसार पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल (NMCH) में इसके इस्‍तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने अस्पताल के सभी डॉक्टरों को निर्देशित किया है कि वे कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लिखें। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) सहित कई डॉक्‍टरों ने भी कोरोनावायरस संक्रमण के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपयोगिता पर सवाल खड़े किए हैं।

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देश भर में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मचा हाहाकार

विदित हो कि देश भर में कोरोना संक्रमितों को दिए जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इस इंजेक्शन की मांग का लाभ कालाबाजारी भी उठा रहे हैं। तीन हजार रुपये मूल्‍य की यह दवा 50 हजार रुपये तक में बेची जा रही है। कालाबाजार में इसकी कीमत मरीज की स्थिति व मांग को देखते हुए तय की जा रही है। मांग को देखते हुए केंद्र सरकार को तो पहल करनी ही पड़ी, बिहार सरकार भी इसे मरीजों को उपलब्‍ध कराने में जुटी रही।

एम्‍स के निदेशक ने कोर्ट को बताया- बेअसर है यह दवा

इस बीच कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में दर्ज एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर को लेकर सरकार से जवाब मांगा, तब पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS Patna) के निदेशक ने बताया कि रेमडेसिविर का इस्तेमाल कोरोना के मरीजों के इलाज में नहीं किया जा रहा है। यह इलाज में बेअसर है। इसके बाद अब एनएमसीएच ने इसपर बैन लगा दिया है।

एनएमसीएच के अधीक्षक ने दवा पर लगा दिया प्रतिबंध

एनएमसीएच के अधीक्षक ने इस दवा को लेकर जारी पत्र में कहा है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी गाइडलाइन में इस इंजेक्शन से मृत्युदर या संक्रमण कम होने की बात नहीं कही गई है। मरीजों के स्वजनों द्वारा अस्पताल प्रशासन को लगातार यह सूचना मिल रही थी कि डॉक्टर भर्ती किए गए कारोना मरीजों के लिए रेमडेसिविर लिख रहे हैं और इसकी तलाश में स्वजन परेशान हैं। मुंहमांगी कीमत पर लोग खरीदने के लिए यहां-वहां भटक रहे है।

आइएमए के अध्यक्ष ने उपयोगिता पर उठाए सवाल

आइएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा है कि रेमडेसिविर से कोरोना के मरीजों को जान बचाने या मृत्यु कम करने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक नहीं मिला है। चिकित्सक अपने अनुभव के आधार पर ही इसका उपयोग कर रहे हैं। इस दवा के लिए लोगों का परेशान होने की कतई जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि कोरोना में कॉरटिकोस्टेररायड (डेक्सामिथसोन) के बेहतर काम करने के प्रमाण मिले हैं। यह दवा कोरोना के लक्षण के पांच दिनों के बाद इस्तेमाल की जाती है।

कोरोना मरीजों पर दवा की कोई तथ्यात्मक रिपोर्ट नहीं

पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल (PMCH) के मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉ. कौशल किशोर का कहना है कि रेमडेसिविर को लेकर परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। यह दवा इबोला वायरस एवं हेपेटाइटिस के मरीजों के इलाज में काम आती है। प्रयोग के आधार पर ही कुछ चिकित्सक इसका उपयोग कर रहे हैं।

रेमडेसिविर कोरोना को मात देने की दवा नहीं

पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS Patna) के निदेशक डॉ. पीके सिंह का कहना है कि रेमडेसिविर कोरोना की दवा नहीं है। इससे कोरोना के मरीजों की जान बचाई जा सकती है, इसकी कोई गारंटी नहीं है। न ही केंद्र सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल में इस दवा को इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

सभी मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं

आइएमए बिहार के चिकित्सक डॉ. अजय कुमार, डॉ. वीएस सिंह आदि डॉक्टरों का कहना है कि सभी कोरोना मरीजों को लक्षण के आधार पर अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं होती है। आइएमए के सदस्यों की सलाह है कि मरीज चिकित्सक की सलाह से ही अस्पताल में भर्ती हों। घर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पौष्टिक भोजन लेने की जरूरत है। समय-समय पर भाप लेते रहें। शरीर में आक्सीजन बढ़ाने वाले व्यायाम भी करते रहें। मास्क का  नियमित उपयोग करें। टीकाकरण में शामिल हों। इससे कोरोना को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।


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