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बड़ा खुलासा: पैसे के लिए आपराधिक गिरोहों का रुख कर रहे नक्सली

पैसों के लिए नक्सली अब आपराधिक गैंग का सहारा ले रहे हैं। नक्सली संगठन से जुड़े कैडर को अब नक्सलियों के बड़े नेताओं और कमांडरों से पैसे का भुगतान नहीं हो रहा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 11:10 AM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 11:59 AM (IST)
बड़ा खुलासा: पैसे के लिए आपराधिक गिरोहों का रुख कर रहे नक्सली
बड़ा खुलासा: पैसे के लिए आपराधिक गिरोहों का रुख कर रहे नक्सली

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में नक्सलियों की आर्थिक हैसियत पर हुए  प्रहार का असर दिखने लगा है। एक तरफ प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की स्थापना की 18वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनके गुरिल्ला दस्ते के साथी संगठन से तौबा करने लगे हैं।

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खुफिया एजेंसियों की मानें तो बिहार में नोटबंदी के बाद नक्सलियों की आर्थिक हैसियत पर हो रही लगातार चोट का यह परिणाम है। क्योंकि नक्सली संगठन से जुड़े कैडर को अब नक्सलियों के बड़े नेताओं और कमांडरों से पैसे का भुगतान नहीं हो रहा है।

स्थिति यह है कि केवल औरंगाबाद और गया जिला में ही आधा दर्जन बड़े नक्सली नेताओं और उनके कमांडरों की करोड़ों की चल व अचल संपत्ति को ईडी ने जब्त कर लिया है। इनमें प्रद्युम्न शर्मा, संदीप यादव विनय यादव और मुसाफिर सहनी जैसे भाकपा (माओवादी) केंद्रीय कमेटी व पोलित ब्यूरो के सदस्यों की संपत्ति शामिल हैं।

आपराधिक गिरोहों का रुख कर सकते हैं नक्सली कैडर

आइबी ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि बिहार में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) व अन्य एजेंसियों द्वारा बड़े नक्सली नेताओं की जब्त की जा रही संपत्ति के कारण उनके कैडर का भुगतान पिछले कई महीनों से रुका हुआ है।

ऐसे में खुफिया एजेंसी ने आशंका जताई है कि कैडर के लिए काम करने वाले ये नक्सली आपराधिक गिरोहों का रुख कर रहे हैं। दरअसल, इनमें अधिकतर नक्सली सशस्त्र गुरिल्ला दस्ते से जुड़े हैं। इनके पास कई घातक हथियार भी हैं। ऐसे में पैसे के लिए ये आपराधिक वारदातों को भी अंजाम दे सकते हैं।

स्कूलों व सामुदायिक भवनों में पेटियां लगाकर लिए जा रहे आवेदन

बता दें कि राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में भाकपा (माओवादी) विगत दो से आठ दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह का आयोजन कर रहे हैं। इस पूरे सप्ताह उन्होंने अपने कैडर के लिए नए युवाओं की बहाली भी शुरू की है। इस भर्ती के लिए नक्सली युवाओं से आवेदन भी आमंत्रित कर रहे हैं।

वे  गया और औरंगाबाद जैसे सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों और सामुदायिक भवनों में पेटियां लगाकर आवेदन स्वीकार कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों की इस सूचना पर केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ जिला पुलिस भी सतर्क हो गई है। 


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