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बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: सरकारी कर्मियों को मिलेगा 25 लाख का होम लोन

सरकारी कर्मियों को मिलने वाले लोन को लेकर बिहार की कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। अब कर्मियों को घर के लिए 25 लाख रुपये का लोन मिल सकेगा। कैबिनेट के बड़े फैसलों पर डालते हैं नजर।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 05:13 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 09:59 PM (IST)
बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: सरकारी कर्मियों को मिलेगा 25 लाख का होम लोन
बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: सरकारी कर्मियों को मिलेगा 25 लाख का होम लोन
पटना [राज्य ब्यूरो]। राज्य सरकार के सेवकों को सरकार अब आवास निर्माण के लिए 25 लाख रुपये तक अग्रिम देगी। इतना ही नहीं घर के विस्तार के लिए भी कर्मियों को अग्रिम मिलेगा। यह राशि दस लाख रुपये तक होगी। सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने वित्त विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव अरूण कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक राज्य कर्मियों को घर निर्माण के लिए 7.50 लाख रुपये तक के अग्रिम के प्रावधान थे। जबकि, घर विस्तार के लिए कर्मियों को दिए जाने वाले एडवांस की अधिकतम सीमा 1.80 लाख रुपये थे। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के प्रभावी होने के बाद सरकारी सेवकों को दी जाने वाली सुविधा में केंद्र सरकार ने काफी बदलाव किए हैं। उन अनुशंसाओं को राज्य सरकार ने भी अंगीकार कर लिया है।
नई व्यवस्था में घर एडवांस के अलावा कर्मचारी यदि कम्प्यूटर के लिए अग्रिम राशि चाहेंगे तो वह भी उन्हें दी जाएगी। पहले कम्प्यूटर के लिए कर्मियों को दो बार एडवांस देने के प्रावधान थे। पहली बार में अधिकतम 80 हजार रुपये और न्यूनतम 30 हजार रुपये दिए जाते थे। जबकि, दूसरी बार में अधिकतम राशि 75 हजार और न्यूनतम राशि 30 हजार निर्धारित थी। नई व्यवस्था में कर्मचारी कंप्यूटर एडवांस के रूप में 50 हजार रुपये ले सकेंगे। सेवाकाल में कर्मचारियों को कंप्यूटर एडवांस की सुविधा पांच बार दी जाएगी।
नई व्यवस्था में मोटर कार एडवांस पांच लाख, दूसरी बार एडवांस चार लाख, मोटर साइकिल एडवांस 30 हजार की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। कर्मियों को अब मोटर कार या मोटर साइकिल खरीदने के लिए एडवांस नहीं दिया जाएगा। इसी प्रकार न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों को मोटर कार के लिए दिए जाने वाले अग्रिम आठ लाख रुपये की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया है।
जिलों में फाउंडेशन बनेगा, खनन मजदूरों को मिलेगी मदद
राज्य सरकार ने खनन कार्यों में लगे मजदूरों को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से जिला स्तरीय खनिज फाउंडेशन नियमावली 2018 को मंजूरी दी है। जिला स्तर पर बनने वाले फाउंडेंशन का काम खनन कार्यों में लगे मजदूरों को आर्थिक सहायता मुहैया कराना होगा। फाउंडेशन के लिए धन की व्यवस्था खनिज कारोबारियों से होगी। इसके लिए कारोबारियों से सरकार कुछ अतिरिक्त टैक्स लेगी।
मुजफ्फरपुर में नाइलेट, दरभंगा में सॉफ्टवेयर पार्क
राज्य मंत्रिमंडल ने दरभंगा में साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क की शाखा स्थापित करने के लिए 30 वर्ष की लीज पर सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग को निश्शुल्क जमीन देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। सॉफ्टवेयर पार्क बनने से छोटे एवं मध्यम दर्जे के निवेशकों को संस्था के माध्यम से लाभ होगा। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने मुजफ्फरपुर में नाइलेट की अतिरिक्त शाखा खोलने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। इस कार्य के लिए भी सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग को 30 वर्ष की लीज पर जमीन देने पर सहमति दी गई है।
औद्योगिक विकास निगम की संपत्ति बंटवारे पर बिहार-झारखंड में सहमति
बिहार-झारखंड राज्यों के बीच औद्योगिक विकास निगम की संपत्तियों और देनदारी बंटवारे पर सहमति बन गई है। पिछले वर्ष बिहार-झारखंड के मुख्य सचिवों के बीच हुई बैठक में लिए गए फैसले को अब लागू करने का फैसला हुआ है। इस संबंध में अब राज्य सरकार कोर्ट से अनुमति प्राप्त करेगी। सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने निगम की संपत्ति बंटवारे को लेकर बने फार्मूले पर सहमति दे दी। 
निगम की जो संपत्ति जिस राज्य में है वह उस राज्य की संपत्ति मानते हुए उसका हस्तांतरण कर दिया जाएगा। झारखंड में निवेश दायित्व झारखंड सरकार को सौंपे जाएंगे जबकि बिहार के निवेश दायित्व बिहार सरकार को। दोनों राज्यों के बीच दायित्वों का बंटवारा वहां की संपत्तियों के वैल्यू के आधार पर किया जाएगा।

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