बिहार में बड़ी लापरवाही, जांच रिपोर्ट के इन्तजार में पड़ा रहता है कोरोना मरीजों का शव
कोरोना वायरस को लेकर बिहार के कोरोना अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उनके शव यूं ही पड़े रहते हैं। इसपर अस्पताल प्रबंधन ने कही ये बात...
पटना, जेएनएन। कोरोना अस्पताल में परिवर्तित नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल (एनएमसीएच) में मरीजों के शव कोरोना जांच रिपोर्ट और शव वाहन समय पर नहीं मिलने के कारण एक से दो दिन तक बेड पर ही पड़े रहते हैं। मंगलवार को भी एनएमसीएच में ऐसा ही दिखा। खाजेकलां एवं राजाबाजार के जिन दो मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी, उनके शव बुधवार की रात तक वार्ड में बेड पर ही पड़े रहे। वार्ड में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने शवों को हटाने के लिए अस्पताल प्रशासन पर दबाव डालते हुए विरोध जताया। इस दौरान हंगामा होता रहा। नोडल पदाधिकारी का कहना था कि जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल कर्मियों ने बताया कि स्वजन एक मरीज को गंभीर हालत में बुधवार को लेकर अस्पताल पहुंचे। आते ही उसकी मौत हो गई। स्वजन शव को छोड़ फरार हो गए। अज्ञात शव को लेकर भी अस्पताल प्रशासन की परेशानी बढ़ी रही। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दो शव वाहन ही अस्पताल में हैं जबकि बुधवार को अस्पताल में आठ शव पड़े थे। शवों को घरों तक पहुंचाने में परेशानी हो रही है।
इस संबंध में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर सिविल सर्जन स्तर से एनएमसीएच को मिलने वाले चार शव वाहनों के आने का इंतजार है। इन वाहनों के अस्पताल पहुंचते ही समस्या दूर हो जाएगी।
बता दें कि बिहार में कोरोना काफी तेजी से फैल रहा है। बुधवार को कोरोना के 749 नए मरीज मिले हैं तो वहीं एक दिन में दस मरीजों की मौत भी हो चुकी है। एेसे में कोरोना को लेकर बरती जा रही कोई भी लापरवाही लोगों के लिए मुश्किल की वजह बन सकती है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने फिर से छह जिलों में लॉकडाउन शुरू कर दिया है।