लालू प्रसाद यादव पर JDU का बड़ा हमला, कहा- तेजस्वी-तेज प्रताप के अलावा उन्हें एक और बेटा
लालू यादव पर उनके जन्मदिन पर जेडीयू ने बड़ा हमला किया। जेडीयू नेता व मंत्री नीरज कुमार ने उनपर कई बड़े आरोप लगाए। साथ ही यह भी पूछा कि उनका तीसरा बेटा कहां है?
पटना, जेएनएन। बिहार सरकार में मंत्री (Bihar Minister) व जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता नीरज कुमार (Niraj Kumar) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन (Lalu Prasad Yadav Birthday) पर उनपर बड़ा हमला बोला। उन्होंने लालू की तुलना ठग (Cheater) से करते हुए नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) को भी नटवर लाल (Natwar Lal) करार दिया। उन्होंने एक और खुलासा करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) ने तरुण यादव (Tarun Kumar) नाम के एक व्यक्ति के नाम पर भी जमीन खरीदी है। जमीन के दस्तावेज के अनुसार वह लालू का तीसरा बेटा है।
लालू बताएं, क्या तीसरा बेटा है तरुण यादव?
नीरज कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद यादव का एक और बेटा तरुण यादव है। लालू ने तेजस्वी (Tejashwi Yadav) व तेज प्रताप (Tej Pratap Yadav) के अलावा तरुण यादव के नाम से भी जमीन खरीदी है। जमीन के दस्तावेज बताते हैं कि वह लालू यादव का बेटा है। तेजस्वी और तेज प्रताप की तरह उसका नाम भी हिन्दी अक्षर 'त' से शुरू होता है। आखिर कौन है तरुण यादव? कहां है वह? क्या वह लालू प्रसाद यादव का दत्तक पुत्र है? लालू को इस बाबत स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
नौकरी का प्रलेाभन दे लिखवा ली जमीन
मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि ऐसे कोई सगा व्यक्ति नहीं है, जिसे लालू प्रसाद यादव ने ठगा नहीं है। लालू ने परिवार तक के लोगों से अपने नाम पर जमीन लिखवा ली है। इसके बदले उन्हें रेलवे या अन्य विभागों में नौकरी के प्रलोभन दिए गए। नीरज कुमार ने लालू द्वारा अपने नाम की गई जमीनों के दस्तावेज भी दिखाए। कहा कि लालू प्रसाद के बड़े भाई मंगरू राय थे। उनके निधन के बाद उनके पुत्र यानी लालू यादव के भतीजे ने तेज प्रताप के नाम से आठ कट्ठा 17 धूर जमीन की रजिस्ट्री की। यह रजिस्ट्री चार नवम्बर 2003 को हुई। उसके एवज में भतीजे को उन्होंने सरकारी नौकरी दी।
जमीन रजिस्ट्री के दस्तावेज भी मंत्री ने किए जारी
मंत्री ने जमीन रजिस्ट्री के दस्तावेज भी जारी किए। बताया कि 1993 में जब तेज प्रताप मात्र चार साल के थे, तब उनके नाम से फुलवरिया में जमीन की रजिस्ट्री हुई। खरीददार में तेज प्रताप के अलावा तरुण कुमार यादव का भी नाम है। इसके अलावा तेज प्रताप के नाम पर एक फरवरी 1994 में भी दो कट्ठा 16 धूर जमीन की रजिस्ट्री हुई। यह जमीन फुलवरिया के बलम चौधरी ने लिखी। नीरज ने कहा कि चार साल के बालक के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री कराई गई, लेकिन दस्तावेज में अभिभावक के तौर किसी बालिग का नाम नहीं लिखा गया। यह अपने आप में बाल उत्पीडऩ का मामला बनता है।
कौन हैं तरुण यादव
जदयू नेता ने जब आरोप लगाए तो यह सवाल उठने लगे कि आखिरकार तरुण यादव कौन हैं? राजद और लालू प्रसाद यादव परिवार से नजदीकी रखने वाले लोगों का कहना है कि तरुण यादव दरअसल तेजस्वी का नाम है, जो बचपन में रखा गया था, इसीलिए उस समय तरुण यादव नाम का इस्तेमाल हुआ होगा...।
पहले जारी हुआ पोस्टर, फिर आया बयान
विदित हो कि लालू प्रसाद यादव के 73वें जन्मदिन के अवसर पर विरोधियों ने उन्हें पोस्टर के माध्यम से घेरते हुए उनकी 73 संपत्तियों का विवरण दिया। पटना में कई जगह ये पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर के ऊपर लिखा 'लालू परिवार का संपत्तिनामा' लिखते हुए बताया गया है ये संपत्तियां राजनीतिक धौंस से बटोरी गईं हैं। पोस्टर किसने जारी किया है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इसके बाद नीरज कुमार ने इसे जारी करने वाले को धन्यवाद दिया तथा मीडिया से बातचीत में लालू प्रसाद यादव व परिवार की संपत्तियों के बारे में कई खुलासे किए।
आरजेडी का पलटवार: पुराना कैसेट है और घटिया राजनीति है
सूचना जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार के आरोपों को आरजेडी ने पुराना कैसेट और घटिया राजनीति कहकर खारिज कर दिया है। शुरू में तो आरजेडी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन बाद में दो प्रवक्ता सामने आए। चितरंजरन गगन और मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ऐसे आरोपों का जवाब देना उचित नहीं है। आरजेडी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि वे राजनीति को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं? मंत्री की बोली सरकार की भाषा मानी जाती है और सरकार का चेहरा मुख्यमंत्री होता है। स्पष्ट है कि मंत्री जो कुछ भी बोल रहे हैं, उसमें मुख्यमंत्री की सहमति है।
चितरंजन गगन ने कहा कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित तमाम विषयों पर बहस की चुनौती दिए जाने के बाद सत्ता में बैठे लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। आरजेडी के सवालों का जवाब सरकार के पास नहीं है, इसलिए वे मूल बातों से ध्यान भटकाने के लिए स्तरहीन बयानबाजी कर रहे हैं। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कभी मिट्टी घोटाले और बस घोटाले के भी आरोप लगाए गए थे, लेकिन क्या हुआ? अब तो उन्हीं की सरकार है। फिर कार्रवाई क्यों नहीं करते? सब कोई जान गया है कि झूठा आरोप लगाकर लालू परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जाती है।
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