बिहार में कांग्रेस का CM नीतीश पर हमला- BJP के दबाव में बढ़ा रहे महंगाई, थोप रहे 'जजिया कर'
बिहार कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट आसित नाथ तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार केंद्र से अपना बकाया टैक्स लेने के बदले राजस्व बढ़ाने के लिए आम आदमी पर टैक्स का बोझ बढ़ाने जा रही है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार कांग्रेस ने नीतीश कुमार की सरकार पर भारतीय जनता पार्टी के दबाव में आकर राज्य की जनता पर महंगाई थोपने की तैयारी करने का आरोप लगाया है। बिहार कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट आसित नाथ तिवारी ने सोमवार को कहा कि सरकार ने वित्त विभाग को राजस्व स्रोतों में बढ़ोतरी के लिए निर्देश दिए हैं। सरकार के इस फैसले से आम आदमी पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। जबकि, पहले से ही बिहार में पड़ोसी राज्यों से ज्यादा टैक्स है। पेट्रोल और डीजल पड़ोसी राज्यों से ज्यादा महंगे हैं। वाहनों पर तो इतना राज्य का टैक्स इतना ज्यादा हो गया है कि वाहन कारोबार प्रभावित हो गया है। जमीन और मकान की खरीद पर भी सरकार ने पहले से ही बेतहाशा टैक्स लगा रखा है। राज्य सरकार केंद्र से जीएसटी का अपना बकाया हिस्सा लेने के बदले राज्य की जनता पर टैक्स लाद रही है, जो जजिया कर थोपने जैसा है।
सरकार बढ़ाने जा रही करों का बोझ
आसित नाथ तिवारी ने कहा कि अब सरकार जिस नए बदलाव की तैयारी में है, उससे बिहार की जनता पर बहुत बड़ा बोझ पड़ेगा। नोटबंदी और लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तौर पर बर्बाद हो चुके लोग इस बोझ को सहन नहीं कर पाएंगे। सरकार अगर टैक्स का बोझ और बढ़ाएगी तो इससे राजस्व का लाभ नहीं होगा, बल्कि बाजार में सुस्ती आ जाएगी और इस सुस्ती की वजह से बची-खुची अर्थव्यवस्था भी चौपट हो जाएगी।
मंदी का शिकार हो जाएंगे कारोबार
उन्होंने कहा कि वाहनों समेत प्रॉपर्टी का कारोबार मंदी का शिकार हो जाएंगे। राज्य का पैसा पड़ोसी राज्यों में जाने लगेगा। डीजल और पेट्रोल के महंगे होने से सारी चीजें महंगी हो जाएंगी। होल्डिंग टैक्स बढ़ने से कम आय वाले लोगों के लिए शहरों में रहना मुश्किल हो जाएगा। खासकर छात्र बढ़े किराए का बोझ नहीं उठा पाएंगे।
जजिया कर थोपने जैसा टैक्स लादना
आसित नाथ तिवारी ने कहा कि कांग्रेस का सुझाव है कि सरकार राजस्व घाटा, राजकोषीय घाटा और प्राथमिक घाटा कम करने के दूसरे तमाम विकल्पों को चुने। विकास कार्यों में तेजी लाए, जिससे बाजार को गति मिल सके। इसी के साथ केंद्र से जीएसटी का अपना हिस्सा जल्दी ले। केंद्र ने राज्य का जीएसटी रोका है। उससे अपना हिस्सा मांगने के बजाय राज्य की जनता पर टैक्स का बोझ लादना जजिया कर थोपने जैसा है।