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बजट पर इंडस्‍ट्रीज एसोसिएशन की राय: संतुलित पर नहीं रखा बिहार का ध्‍यान

बजट पर बिहार इंडस्‍ट्रीज एसोसिएशन के अध्‍यक्ष केपीएस केसरी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने कहा कि बजट संतुलित है, लेकिन इसमें बिहार जैसे पिछड़े राज्‍य का ध्‍यान नहीं रखा गया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 02 Feb 2018 04:59 PM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 07:02 PM (IST)
बजट पर इंडस्‍ट्रीज एसोसिएशन की राय: संतुलित पर नहीं रखा बिहार का ध्‍यान
बजट पर इंडस्‍ट्रीज एसोसिएशन की राय: संतुलित पर नहीं रखा बिहार का ध्‍यान

पटना [जेएनएन]। आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने कहा है कि बिहार के लिए बजट में कुछ खास नहीं है। लेकिन, सामान्य तौर पर इसे एक अच्छा और संतुलित बजट कहा जाएगा। इसमें बिहार सहित अन्य पिछड़े राज्यों का ध्यान नहीं रखा गया है। 

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एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केशरी ने कहा है कि यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। वित्तीय घाटे को 3.5 फीसद तक सीमित रखने का निर्णय स्वागत योग्य है। बिहार के लिए डेवलपमेंट फंड अर्थात एक विकास निधि की मांग की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं होने से निराश हुई है।हालांकि, कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए मजबूत कदम उठाए गए हैं। इसका लाभ बिहार को मिलेगा।

आयुष्मान भारत के तहत 10 करोड़ परिवारों को कुल चिकित्सा खर्च में पांच लाख रुपये की प्रतिपूर्ति, अनुसंधान पर चार वर्षों में एक लाख करोड़ खर्च का प्रावधान, एंजल इंवेस्टर्स और वेंचर कैपिटल की अवधारणा, एमएसएमई को कार्पोरेट टैक्स में पांच फीसद की छूट औ एनपीए मैनेजमेंट के लिए अलग फोरम गठन जैसे निर्णय स्वागत योग्य है। व्यक्तिगत आय पर कर छूट की सीमा नहीं बढ़ाने से थोड़ी मायूसी है। 

बजट में कृषि पर विशेष जोर, बिहार बन सकता है भागीदार

केपीएस केसरी ने कहा कि यह बजट चुनावी नहीं है। कृषि क्षेत्र पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। इसका लाभ बिहार भी ले सकता है। कहा कि कृषि की जितनी भी योजनाएं हैं, उनसे जुड़ कर काम करने वाले इसमें हिस्सेदार बन सकेंगे। कुल 11 लाख करोड़ का कृषि ऋण देने का फैसला इस क्षेत्र को गति देगा।

ग्रामीण आधारभूत संरचना के लिए 14 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसका लाभ भी बिहार को मिलेगा।स्वास्थ्य क्षेत्र को बजट में भरपूर स्थान मिला है।10 करोड़ परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। अनुसंधान क्षेत्र को तवज्जो दिया गया है। इससे नई-नई चीजें लोगों को मिल सकेगी। बिहार के लिए विशेष कुछ नहीं किया गया है।

संविधान में क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने की व्यवस्था है। बिहार भी पिछड़ा राज्य है। इसे दूर करने के उपाय किए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। विकास निधि की हमारी मांग भी दरकिनार कर दी गई है।


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