नई लोकसभा में पहले दिन बिहार की भोजपुरी पर चर्चा, क्या है मामला जानिए यहां
नई लोकसभा के पहले दिन जब बिहार के एक सांसद ने भोजपुरी में शपथ लेने की इच्छा जाहिर की तो उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली। बताया गया कि यह भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में नहीं है।
पटना [जेएनएन]। सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन बिहार की भोजपुरी भाषा पर चर्चा हो गई। मामला एक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद के भोजपुरी में शपथ लेने के अनुरोध को अस्वीकृत किए जाने का है। भोजपुरी बिहार व उत्तर प्रदेश के बड़े भू-भाग की भाषा है। इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह दिलाने की मांग लंबे समय से की जाती रही है।
भोजपुरी में शपथ की नहीं मिली अनुमति
नई लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन सांसदों का शपथ ग्रहण हो रहा था। इस दौरान जब बिहार के महाराजगंज से बीजेपी सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल की बारी आई तो उन्होंने भोजपुरी में शपथ लेने की इच्छा जाहिर की। लेकिन लोकसभा के महासचिव ने कहा कि यह भोजपुरी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं रहने के कारण इसमें शपथ नहीं दिलाई जा सकती। सारण से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी भोजपुरी में शपथ नहीं लेने की व्यवस्था पर आपत्ति जताई। उन्होंने हिन्दी में शपथ लिया।
संसद के पहले सत्र में हो रहे ये काम
विदित हो कि लोकसभा के पहले सत्र में सांसद वीरेंद्र कुमार को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया। इसके बाद पहले दो दिनों तक नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। फिर, बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चयन होगा। इसके अगले दिन बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति संबोधित करेंगे।
संसद के चालू सत्र में केंद्र सरकार तीन तलाक, नागरिकता कानून संशोधन, केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) आदि के कई अहम बिल पेश करेगी। नए संसद का पहला आम बजट बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी पांच जुलाई को पेश करेंगी।
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