कोर्ट मैरिज के फायदे बताती है भोजपुरी फिल्म ‘करब बियाह कचहरी में’
भोजपुरी फिल्म करब बियाह कचहरी में, अन्य फिल्मों से बिल्कुल अलग हटकर है। फिल्म में दहेज प्रथा के नुकसान और कोर्ट मैरिज से इसपर लगाम लगाने का संदेश दिया गया है।
By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 03:00 PM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 11:30 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार इन दिनों सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जिसके तहत अभी हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दहेज और बाल विवाह के खिलाफ मुहिम शुरू किया है और इसके लिए कड़ा कानून भी बनाने की बात कही है। इसी को बढ़ावा देने के लिए भोजपुरी फिल्म करब बियाह कचहरी में आ रही है।
फिल्म के निर्देशक योगेश तिवारी ने कहा है कि मेरा मानना है कि अगर समाज में हम कोर्ट मैरेज को बढ़ावा दें तो दहेज प्रथा और बाल विवाह पर लगाम लग सकता है। फिल्म ‘करब बियाह कचहरी में’ में कुछ इसी थीम पर है, जो कोर्ट मैरेज को प्रमोट करते नजर आयेगी।
उन्होंने कहा कि अगर विवाह कोर्ट में हो तो लोगों में कानून का डर होगा और वे दहेज और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाज से दूर करने में मदद मिलेगा। ऐसे में सिनेमा की भी जिम्मेवारी बनती है कि समाज के हित में अपनी भूमिका का निर्वहन करें।
योगश तिवारी ने फिल्म के बारे में कहा कि कहानी इस फिल्म की वाकई कमाल की है, जो मनोरंजन के साथ – साथ लोगों को एक मुहिम से भी जोड़ेगी। फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो गई। उम्मीद है दर्शकों को फिल्म पसंद आयेगी।
फिल्म के अभिनेता आदित्य मोहन और अभिनेत्री श्वेता ओझा ने भी फिल्म के बहाने शादी कचहरी में करने की बात कही और लोगों से भी इसके लिए अपील की। उन्होंने कहा कि फिल्म की कहानी काफी खूबसूरत है और हमें इसमें काम करने में मजा आ रहा है। इस फिल्में के गाने भी काफी अच्छे हैं, जो एस एस कुमार ने दिया है।
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