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भाईयों की लंबी उम्र के लिए बहनों ने रखा भाई दूज का व्रत, चित्रगुप्‍त पूजा की भी रही धूम

शुक्रवार को बिहार में भाई दूज व चित्रगुप्‍त पूजा की धूम रही। बहनों ने भाइयों की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की। जगह-जगह लाखों मसीजीवियों ने श्रीचित्रगुप्त भगवान की पूजा की।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 10:04 AM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 10:37 PM (IST)
भाईयों की लंबी उम्र के लिए बहनों ने रखा भाई दूज का व्रत, चित्रगुप्‍त पूजा की भी रही धूम
भाईयों की लंबी उम्र के लिए बहनों ने रखा भाई दूज का व्रत, चित्रगुप्‍त पूजा की भी रही धूम
पटना [जेएनएन]। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भाई दूज का पर्व बहनों ने अपने भाईयों की लंबी उम्र के लिए मनाया। बहनों ने भाई दूज के दिन व्रत एवं पूजा कर भाई के माथे पर तिलक लगा उसके कुशल जीवन की कामना की। शुक्रवार को भगवान श्री चित्रगुप्त की पूजा भी धूमधाम से मनाई गई।
पंडित राकेश झा शास्त्री ने कहा कि भाई दूज का पर्व शुक्रवार को अनुराधा नक्षत्र एवं सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया गया। इस दिन जहां बहनों ने भाइयों की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की, वहीं भाइयों ने उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए उपहार दिए।
पंडित झा ने स्कंद पुराण के हवाले से कहा कि भाई दूज के दिन बहन के घर भोजन करना और उन्हें उपहार देना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा करने से यम का दुष्प्रभाव कम होता है।
जलाए गए चौमुख दीपक
पंडित राकेश झा ने कहा कि भाई दूज के दिन बहनों ने सायंकाल यानि गोधूलि बेला में यमराज के नाम से चौमुख दीपक जला कर घर के बाहर रखा। दीपक का मुख दक्षिण दिशा की ओर रखा गया। दीपक जलाने की पीछे मान्यता है कि दैहिक, दैविक और भौतिक संतापों से भाई की सुरक्षा होती है।
यमराज और यमुना नदी का पूजन
पंडित झा ने भाई दूज व्रत की कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान सूर्य की पत्‍नी का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती थी कि अपने मित्रों के साथ घर आकर भोजन करें। अपने काम में व्यस्त यमराज बहन यमुना की बातों की अनसुनी करता रहा।
कार्तिक शुक्ल का दिन आया। यमुना ने फिर उस दिन अपने भाई यमराज को भोजन करने के लिए निमंत्रण दिया और अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया। यमराज ने सोचा कि मैं तो लोगों का प्राण हरने वाला हूं, मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भाव से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है।
बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर बहन यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यमराज के सामने व्यंजन परोस कर भाई को भोजन कराया। बहन यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया। यमुना ने कहा कि आप इसी तरह प्रति वर्ष भाई दूज के दिन हमारे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर-सत्कार करके उसके माथे पर टीका करे उसे तुम्हारा भय न हो।
यम अपनी बहन की बातों को ध्यान रखते हुए उसे अमूल्य वस्त्र एवं वरदान प्रदान कर यमलोक चले गए। इस कारण भाई दूज के दिन यमराज तथा यमुना की पूजा की जाती है।
ये थे पूजा के शुभ मुहूर्त
सुबह: 9.20 बजे से 10.35 तक
दोपहर: 1.13 बजे से 3.19  तक
शाम: 4.25 बजे से रात्रि 7.20 तक
भगवान चित्रगुप्‍त पूजा की भी रही धूम
शुक्रवार को लाखों मसीजीवियों ने जगह-जगह भगवान श्रीचित्रगुप्त की प्रतिमाओं की स्थापना कर उनकी पूजा की। पटना में भाजपा सांसद आरके सिन्हा ने इस अवसर पर एक दर्जन से भी अधिक पूजा पंडालों का परिभ्रमण किया। उन्होंने भगवान चित्रगुप्त की आराधना और चित्रांश परिवारों तथा समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।

 

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