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बिहार विधानसभा में भी SC/ST को आरक्षण दिए जाने संबंधी विधेयक को दी गई मंजूरी

सोमवार को बिहार विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया गया जिसमें विपक्ष ने सीएए और एनआरसी को लेकर जमकर हंगामा किया। सदन में संसदीय व्यवस्था में SC ST को आरक्षण को मंजूरी दे दी गई।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 12:39 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 10:41 PM (IST)
बिहार विधानसभा में भी SC/ST को आरक्षण दिए जाने संबंधी विधेयक को दी गई मंजूरी
बिहार विधानसभा में भी SC/ST को आरक्षण दिए जाने संबंधी विधेयक को दी गई मंजूरी

पटना, जेएनएन। बिहार विधानमंडल का एक दिवसीय विशेष सत्र सोमवार को बुलाया गया, जिसमें विपक्ष के सीएए और एनआरसी को लेकर हंगामे के बीच सदन में एससी एसटी को संसदीय व्यवसथा में दस साल के लिए आरक्षण दिए जाने के विधेयक को मंजूरी दे दी गई। मुख्यमंत्री ने इस बिल पर समर्थन के लिए सबको धन्यवाद दिया।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा-एनआरसी का सवाल नहीं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसदीय व्यवस्था में SC/ST आरक्षण को 10 साल बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसपर सभी दल के नेताओं ने अपनी बात रखी और फिर इस विधेयक को सदन में मंजूरी दे दी गई। इसके बाद सीएम ने कहा कि CAA पर भी हम विशेष रूप से चर्चा करेंगे।

वहीं उन्होंने कहा कि NRC का सवाल नहीं, इसका अभी कोई औचित्य ही नहीं है तो बेवजह इसे लेकर हंगामा किया जा रहा है। इसके बावजूद यदि सभी चाहेंगे तो सदन में इसपर भी चर्चा होगी। साथ ही सीएम ने कहा कि हम भी चाहेंगे की जातिगत जनगणना हो।

उपमुख्यमंत्री ने कहा-जरूरत के मुताबिक आरक्षण बनाए रखना होगा

मुख्यमंत्री के SC/ST को संसदीय व्यवस्था में आरक्षण को10 साल बढ़ाने के प्रस्ताव पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि आरक्षण की वजह से लोग विधानसभा- लोकसभा में आएंगे, जो अच्छा प्रस्ताव था।इसीलिए जरूरत के मुताबिक आरक्षण बनाए रखना होगा।अंतिम तबके के लाभान्वित होने पर ही आरक्षण खत्म होगा। उन्होंने कहा कि समाज मे जबतक भेदभाव है, आरक्षण रहेगा।

सदन में 126वें संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा

सदन की कार्यवाही नियत समय से शुरू हुई जिसमें सदन में 126वें संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। जिसके बाद सदन ने SC/ST आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने SC/ST को  आरक्षण दिए जाने वाले प्रस्ताव पर अपना समर्थन दिया और कहा कि अब जातीय जनगणना पर भी विशेष सत्र बुलायी जाए। 

सीएए और एनआरसी पर तेजस्वी ने बोला हमला

इसके बाद तेजस्वी ने नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध प्रकट करते हुए कहा कि ये कौन-सा कानून है कि हमें अब अपने नागरिक होने का सबूत देना होगा। हम NRC- NPR को बिहार में कभी लागू नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा कि इस मामले पर सीएम किसका समर्थन करेंगे, इसे भी सीएम को स्पष्ट करना चाहिए और अपना वक्तव्य देना चाहिए। 

तेजस्वी ने कहा कि बिहार और केंद्र सरकार के मंत्री के बयान में अंतर है और तो और जदयू में NRC- NPR को लेकर गतिरोध चल रहा है। एेसे में सीएम को स्पष्ट कर देना चाहिए कि वो पक्ष में हैं या विरोध में।

वहीं बिहार विधानसभा के बाहर राजद ने CAA NRC- NPR के विरोध में जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया।दौरान केंद्र सरकार और बिहार सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए।

आरजेडी नेता आलोक मेहता ने बिहार सरकार से मांग किया कि विशेष सत्र एक दिवसीय क्यों? सरकार को बिहार विधानसभा का सत्र बढ़ाना चाहिए और NRC- NPR को लेकर अपना स्टैंड बताना चाहिए। 

कांग्रेस ने भी किया राजद का समर्थन 

विधानसभा में 126वें संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौराद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने भी तेजस्वी यादव का समर्थन किया और कहा कि तेजस्वी यादव की मांग पर विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यसभा और लोकसभा में भी कांग्रेस ने इस बिल का समर्थन किया था और अब बिहार विधान सभा मे भी कांग्रेस ने इस बिल का समर्थन किया है। 

दोनों सदन में सीएम का किया गया स्वागत 

विधान परिषद पहुंचने पर सीएम नीतीश कुमार को विधान परिषद सदस्यों ने बुके देकर स्वागत किया। सीएम ने इसके बाद परिषध के कार्यकारी सभापति हारुण रशीद से मुलाकात की और विशेष सत्र को लेकर बधाई दी। 

इसके बाद सीएम नीतीश कुमार बिहार विधानसभा पहुंचे जहां विधानसभा सदस्यों ने बुके देकर उनका स्वागत किया। सीएम ने विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी मुलाकात की और उन्हें विशेष सत्र को लेकर बधाई दी। 


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