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अब बिहार में मिलेगी मेडिकल की बेहतर शिक्षा, राज्य के मेडिकल कॉलेजों में खुलेंगे सात सुपर स्पेशलिटी विभाग

स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पहले से चल रहे 24 विभागों के अलावा सात सुपर स्पेशलिटी विभागों की शुरुआत करेगा। स्वास्थ्य विभाग ने नेशनल मेडिकल कमीशन की निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार नए कोर्स में शैक्षणिक कार्य प्रारंभ करने का प्रस्ताव तैयार किया है।

By Sunil RajEdited By: Mohit TripathiPublished: Mon, 06 Feb 2023 09:03 PM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2023 09:03 PM (IST)
अब बिहार में मिलेगी मेडिकल की बेहतर शिक्षा, राज्य के मेडिकल कॉलेजों में खुलेंगे सात सुपर स्पेशलिटी विभाग
बिहार मेडिकल कॉलेजों में खुलेंगे सुपर स्पेशालिटी विभाग।

राज्य ब्यूरो, पटना: स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पहले से चल रहे 24 विभागों के अलावा सात सुपर स्पेशलिटी विभागों की शुरुआत करेगा। नए विभाग शुरू करने से पहले संबंधित विभागों के लिए शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने नेशनल मेडिकल कमीशन की निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार नए कोर्स में शैक्षणिक कार्य प्रारंभ करने का प्रस्ताव तैयार किया है।

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मेडिकल की पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए लिया गया निर्णय

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में स्वास्थ्य विषयों की पढ़ाई के बेहतर बनाने के साथ ही मेधावी छात्रों का पलायन रोकने के लिए चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में नए सुरपर स्पेशलिटी विभाग खोलने का फैसला लिया है।

नौ कॉलेजों में शुरू होंगे सुपर स्पेशिलिटी विभाग

फिलहाल नौ मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी विभाग सृजित किए जाएंगे। अगले चरण में आठ प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इन विभागों को शामिल किया जाएगा। नई व्यवस्था के प्रभावी होने से जहां विभिन्न रोगों के सुपर स्पेशलिटी डॉक्टर तैयार हो सकेंगे, वहीं मरीजों को भी भविष्य में बेहतर चिकित्सा प्राप्त हो सकेगी।

विभाग के अनुसार, जिन सात सुपर स्पेशलिटी विभागों को अनुमति दी जा रही है, उनमें हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, इमरजेंसी मेडिसिन, इम्युनोहेमेटोलाजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन, हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन, क्रिटिकल केयर मेडिसीन के अलावा वॉयरोलाजी और स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग हैं।

कोविड में विशेषज्ञों की कमी का हुआ था अहसास

दरअसल, कोविड महामारी के दौरान सरकार को इमरजेंसी मेडिसिन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थ एडमिस्ट्रेशन और वॉयरोलाजी जैसे विशेषज्ञों की कमी का एहसास हुआ। जिसके बाद भविष्य में ऐसी किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए नए विभागों के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया।

विभाग शुरू करने से पहले प्रोफेसर्स की होगी नियुक्ति

जानकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में नए विभाग शुरू करने से पहले प्रत्येक विभाग में संबंधित विषय के एक प्रोफेसर के साथ दो एसोसिएट प्रोफेसर, छह असिस्टेंट प्रोफेसर, नौ सीनियर रेजिडेंट, नौ मेडिकल अफसर, अथवा जूनियर रेजिडेंट के अलावा नर्सिंग स्टाफ व लैब टेक्नीशियन व अन्य पद सृजित होंगे।

विभाग के आधिकारिक सूत्रों की माने तो नए विभागों का गठन इस साल ही करने की योजना है। नए सुपर स्पेशलिटी विभागों के शुरू होने से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव दिखेंगे।


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