चुनावी फिजां में आलू-प्याज और टमाटर के बढ़े भाव तो उद्योग विभाग निकला लेने खोज-खबर
केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट से जुड़कर ऑपरेशन ग्रीन्स में तीनों सब्जियों को किया गया शामिल। विधानसभा चुनाव के पहले इनकी कीमत को स्थिर रखने के लिए पायलट प्रोजेक्ट पर हो रहा काम।
पटना, राज्य ब्यूरो। सुनने में यह जरूर अटपटा लग रहा है, लेकिन सच है कि बिहार में उद्योग विभाग अब आलू-प्याज और टमाटर की खोज-खबर लेने लगा है। यह खोज-खबर उस वक्त ली जा रही जब इन सब्जियों की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी पर चहुंओर चर्चा हो रही। दरअसल, आलू-प्याज और टमाटर की कीमतों को स्थिर रखने के लिए केंद्र सरकार छह माह के पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही। पायलट प्रोजेक्ट से सभी राज्य जुड़े हैं और बिहार सरकार ने उद्योग विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।
यह है योजना
मौसमी फल और सब्जी की खेती करने वाले किसानों के सहयोग के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक योजना (ऑपरेशन ग्रीन्स) बनी है। इसका लक्ष्य उत्पादों की बिक्री का संकट दूर कर किसानों की परेशानी कम करना है। अब इसमें आलू-प्याज और टमाटर को भी शामिल कर लिया गया है। छह माह के पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन सब्जियों की कीमत स्थिर रखने के उपायों का आकलन होगा।
शर्त के साथ आर्थिक मदद
योजना के तहत आलू-प्याज और टमाटर को खेत से बाजार तक लाने में परिवहन पर जो खर्च होगा, उसका 50 प्रतिशत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय वहन करेगा। तीन महीने के स्टोरेज का खर्च भी दिए जाने का प्रावधान है। शर्त यह कि अगर संबंधित फसल की कीमत पिछले तीन वर्षों की औसत कीमत से 15 प्रतिशत नीचे जाती है, तभी यह सहायता मिलेगी।
उद्योग विभाग जिलों से स्टॉक रिपोर्ट मंगा रहा
उद्योग विभाग ने सभी जिला उद्योग केंद्र को यह निर्देश दिया है कि वे जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर आलू-प्याज और टमाटर की उपलब्धता का पूरा ब्योरा भेजें।
ऑपरेशन ग्रीन्स में बिहार से शामिल फल-सब्जी
ऑपरेशन ग्रीन्स के तहत बिहार से फलों में केला, अमरूद, आम, लीची और अनानास शामिल हैं। सब्जियों में बैैंगन, गाजर, फूलगोभी, खीरा, हरी मिर्च और सेम शामिल हैैं।