कैबिनेट की पहली बैठक में जाने से पहले भाजपा के मंत्रियों ने लगाई संगठन में हाजिरी, मीडिया से की बात
कैबिनेट की मीटिंग के लिए रवाना होने से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दो डिप्टी सीएम सहित सभी मंत्रियों ने पार्टी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी कैलाशपति मिश्र और भारत माता की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। सत्ता से पहले संगठन को सर्वोपरि बताया। विपक्ष पर साधा निशाना ।
पटना, राज्य ब्यूरो । सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में आज एनडीए सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग है। संभावना जताई जा रही है कि कैबिनेट में आज कोई अहम फैसला लिया जा सकता है। कैबिनेट की बैठक में जाने से पहले दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी सहित भाजपा के सभी सात मंत्रियों ने पहले संगठन और भाजपा कार्यालय में हाजिारी लगाई। वहां बैठक के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने सभी को शुभकामनाएं दी और मीडिया से बात की । इससे पहले भाजपा के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी, कैलाशपति मिश्र और भारत माता की प्रतिमा पर प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी मंत्रियों ने माल्यापर्ण किया और कैबिनेट की बैठक के लिए एक साथ रवाना हुए ।
मंत्रियों ने लिया संकल्प, बिहार को प्रथम बनाने का
मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में जाने से पहले सत्ता से पहले संगठन को सर्वोपरि बताया। कहा कि यह त्योहार का समय है। कुछ ही दिनों बाद बिहार का महान लोकपर्व छठ है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहते हैं कि बिहार वह अनोखा राज्य है, जहां डूबते सूरज को भी अर्घ्य दिया जाता है। हम छठ के पावन अवसर पर संकल्प लें, आत्मनिर्भरता का, स्वच्छता का, बिहार को प्रथम बनाने का।
विपक्ष पर साधा निशाना
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने विपक्ष पर शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार करने पर करारा हमला बोला है। पार्टी प्रदेश मुख्यालय के अटल सभागार में आज मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि राजद और कांग्रेस ने शपथ-ग्रहण का बहिष्कार किया।
उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा भाजपा के मंत्री मंगल पाण्डेय, अमरेंद्र प्रताप सिंह, रामप्रीत पासवान, जीवेश मिश्रा और रामसूरत राय की मौजूदगी में जायसवाल ने कहा कि यह लोकतंत्र की अवमानना है।
बकौल जायसवाल, लोकशाही में जनता के आदेश को ही तो अंतिम माना जाता है। चुनाव तक हम सभी विपक्षी थे, हम खूब लड़े भी, लेकिन अब तो बिहार के निर्माण में हमलोगों को मिल-जुलकर लगना है। इसमें बहिष्कार का राग छेड़कर विपक्ष ने दिखा दिया कि उन लोगों को बिहार की जनता से कोई मतलब नहीं है। प्रजातंत्र से कोई वास्ता नहीं है। केवल अपनी स्वार्थपूर्ति नहीं होते दिखने पर वे बहिष्कार की राजनीति शुरू कर दिए हैं।