सफल होने के साथ एक अच्छा इंसान बनना भी जरूरी
बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। आने वाला कल उन्हें ही संवारना है।
पटना। बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। आने वाला कल उन्हें ही संवारना है। ऐसे में बच्चों को एकेडिमक शिक्षा देने के साथ संस्कार की शिक्षा देना भी जरूरी है। भले ही आप पढ़ने में कितना भी तेज हों, लेकिन आपके अंदर बड़ों का सम्मान नहीं, बात करने का ढंग नहीं तो सब बेकार है। ऐसे में बच्चों को संस्कार की शिक्षा देना शिक्षकों के साथ-साथ माता-पिता का भी कर्तव्य है।
मंगलवार को दैनिक जागरण की ओर से आयोजित 'संस्कारशाला : अच्छाई की समझ' कार्यक्रम का आयोजन डॉ. डीबाई पाटिल पुष्पलता पाटिल स्कूल के परिसर में किया गया। आयोजन के दौरान स्कूल के बच्चों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। शहर के युवा मोटिवेशनल गुरु डॉ. प्रियेंदु सुमन ने संस्कार से जुड़ी कई कहानियों को बच्चों के साथ साझा किया। डॉ. सुमन ने बच्चों को संस्कार के बारे में कहा कि संस्कार के बिना बच्चों का विकास रुक जाता है। गुरुओं और माता-पिता का सम्मान करने के साथ अपने से बड़ों का आदर करना सबसे बड़ा कर्तव्य है। बड़ों से मृदु स्वर में बातचीत करने के साथ उनकी बातों को मानना भी जरूरी है। बच्चों को संबोधित करते हुए डॉ. सुमन ने कहा कि बड़े हमेशा आपके भले के लिए बोलते हैं। गुस्से में कही गई बातें भी आप सभी के लिए प्रेरणा देने वाली हैं। ऐसे में उनकी बातों का सम्मान करने की जरूरत है। घर में माता-पिता एवं बड़े लोगों के साथ शिक्षकों के प्रति आदर-भाव रखने की जरूरत है। आप अपनी समस्या बड़े लोगों के साथ साझा कर सकते हैं। एक सफल इंसान बनने के लिए पहले एक अच्छा इंसान बनना जरूरी होता है। एक अच्छा इंसान ही समाज और परिवार को सही दिशा दे सकता है।
बच्चों ने शांत की अपनी जिज्ञासा : संस्कारशाला के दौरान स्कूल के बच्चों ने कार्यक्रम में भाग लेकर ज्ञान की बातों को आत्मसात करते हुए इससे अपनाने की बात कही। बच्चों ने संस्कारशाला कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन होने से बहुत कुछ सीखने और समझने का मौका मिलता है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए कई प्रकार के प्रश्न प्रेरक गुरु से की। कार्यक्रम में सुकल्याण भादुर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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दैनिक जागरण द्वारा आयोजित संस्कारशाला कार्यक्रम बच्चों के लिए बेहद उपयोगी है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को नई-नई बातों को समझने के साथ संस्कार से जुड़ी बातों के बारे में अवगत कराया जाता है। जागरण की यह मुहिम बच्चों को नई ऊर्जा देने वाला है। शहर में पिछले आठ सालों से आयोजन होता रहा है जिसमें विभिन्न स्कूलों की भागीदारी रही है। कार्यक्रम के दौरान प्रेरक गुरुओं की बातों को बच्चे काफी सजग होकर सुनते हैं। ऐसे में बच्चों में नैतिक शिक्षा का भी विकास होता है।
डॉ. राधिका के, प्राचार्य