डॉक्टरों की हड़ताल: तीसरे दिन केवल पीएमसीएच के ओपीडी में हुआ इलाज
आरा में तीन डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट का असर शुक्रवार को राजधानी के अस्पतालों पर अधिक रहा। गुरु गोविंद सिंह जयंती होने के कारण आइजीआइएमएस व एम्स ओपीडी नहीं चला।
पटना, जेएनएन। आरा सदर अस्पताल में वीडियो कांन्फ्रेंसिंग (वीसी) के जरिए हाजिरी नहीं बनाने के मामले में हुई डॉक्टरों की पिटाई का विरोध पर डाक्टरों की हड़ताल का असर आज ज्यादा है। तीसरे दिन आइजीआइएमएस व एम्स ओपीडी के बंद होने से मरीजों को खासी परेशानी हो रही है। राजधानी में केवल पीएमसीएच के ओपीडी में ही मरीजों का इलाज हो रहा है।
वैसे आइजीआइएमएस व एम्स ओपीडी गुरु गोविंद सिंह की जयंती के कारण नहीं खोला गया। इसके अलावा सरकारी व अन्य अस्पतालों में इमरजेंसी में चिकित्सकों की डयूटी लगाई गई है। जहां इमरजेंसी सेवा जारी है। शुक्रवार को सुबह से ही अस्पतालों में मरीजों की भीड़ दिखी। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में शुक्रवार को ओपीडी में मरीज को दिखाने के लिए सुबह छह बजे से ही मरीजों की लाइन लग गई थी।
गंभीर मरीजों को भी नहीं देख रहे डॉक्टर
राजधानी के राजवंशीनगर में इलाज कराने आए मनेर के वीरेंद्र सिंह कहना है कि पैर में काफी परेशानी है, लेकिन यहां पर कोई भी डॉक्टर अस्पताल में भर्ती करने को तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि आपका केस ओपीडी का है। फिलहाल अस्पताल में केवल इमरजेंसी सेवा चल रही है। अब पता नहीं कब ओपीडी सेवा शुरू होगी।
आरोप, डीएम के आदेश पर हुई पिटाई
डॉक्टरों का आरोप है कि मारपीट डीएम के आदेश पर की गई है। विदित हो कि आरा में डीएम ने सदर अस्पताल के चिकित्सकों को वीसी से हाजिरी लगाने का आदेश दिया था। मंगलवार को दो बजे के बाद इमरजेंसी वार्ड में दूसरी शिफ्ट चल रही थी। भासा के संयुक्त सचिव डॉ. अंसारी ड्यूटी पर थे। उन्हें भी हाजिरी लगाने का आदेश दिया गया, लेकिन मरीजों का हवाला देकर उन्होंने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद डीएम के अंगरक्षक इमरजेंसी कक्ष पहुंचे और डॉ. अंसारी का हाथ पकड़ उन्हें गाड़ी में बिठाने लगे। यह देख अन्य चिकित्सक भड़क गए। नोकझोंक के बाद डॉ. अंसारी दो अन्य डॉक्टरों के साथ अपनी कार से डीएम आवास गए। भासा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार व सचिव डॉ. नरेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि डीएम आवास में कार्यालय के बाहर वे के नेताओं को मोबाइल पर मामले की जानकारी दे रहे थे। इसी बीच सिपाही मोबाइल छीनते हुए उन्हें पीटने लगे। जबकि डीएम डॉ. संजीव कुमार मारपीट की घटना से इन्कार कर रहे हैं।