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डॉक्‍टर की सलाह: समय रहते कराएं प्रोस्टेट का इलाज, नहीं भुगतना पडेगा अंजाम

यदि आपको बार बार पेशाब हो रहा है तो संभव है कि आप प्रोस्टेट ग्लैंड की बीमारी से पीडि़त हों। इसका समय रहते इलाज करवा लें, अन्‍यथा परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

By Edited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 01:17 PM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 09:19 PM (IST)
डॉक्‍टर की सलाह: समय रहते कराएं प्रोस्टेट का इलाज, नहीं भुगतना पडेगा अंजाम
डॉक्‍टर की सलाह: समय रहते कराएं प्रोस्टेट का इलाज, नहीं भुगतना पडेगा अंजाम
पटना [जेएनएन]। अमूमन 50 साल की उम्र के बाद लोग प्रोस्टेट की समस्या से ग्रसित हो जाते हैं। प्रोस्टेट के प्राथमिक लक्षण दिखते ही मरीजों को सावधान हो जाना चाहिए। मुख्यत: यह बीमारी उम्र जनित है, लेकिन कभी-कभी युवाओं में भी इस तरह की समस्या पाई जाती है। दैनिक जागरण से बातचीत में पटना के डॉ. एएन सिंह ने इस बीमारी के संबंध में महत्‍वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्‍होंने बताया कि शुरू में ही इलाज नहीं कराने पर यह बीमारी कैंसर का रूप धारण कर सकती है।
ये हैं बीमारी के लक्षण
डॉ. एएन सिंह ने बताया कि प्रोस्टेट एक ग्लैंड (ग्रंथि) है, जो व्यक्ति की पेशाब नली से जुड़ी होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से मरीज को पेशाब करने में परेशानी होने लगती है। पेशाब के दौरान उन्हें जलन होने लगती है। यह प्रोस्टेट समस्या का प्राथमिक लक्षण है। इस बीमारी के दौरान मरीज की पेशाब में कभी-कभी बदबू भी आने लगती है। अक्सर रात में मरीज को पेशाब का आना महसूस होता है, लेकिन जब मरीज पेशाब करने जाता है तो उसे बहुत कम या कभी-कभार पेशाब नहीं भी होती है।
मरीज बार-बार पेशाब करने उठता है, लेकिन पेशाब पूरी नहीं हो पाती है। बार-बार उठने और बाथरूम तक जाने से मरीज काफी परेशान हो जाता है। कुछ लोगों में इस बीमारी के दौरान पेशाब रोकने की क्षमता ही समाप्त हो जाती है। इससे मरीज को कभी भी पेशाब हो जाता है। उसके कपड़े गीले हो जाते हैं।
प्रोस्टेट की बीमारी का इलाज संभव
डॉ. एएन सिंह के अनुसार वर्तमान समय में आधुनिक चिकित्सा पद्धति से प्रोस्टेट का समुचित इलाज संभव है। जब बीमारी के प्राथमिक लक्षण दिखाई पड़ने लगें, तो मरीज को तत्काल किसी मूत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। शुरू में ही बीमारी पकड़ में आ जाने पर इसे दवाओं के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। लेकिन, बीमारी ज्यादा तकलीफदेह हो जाने पर इलाज कठिन हो जाता है। प्रोस्टेट की बीमारी में दवाओं के काम नहीं करने पर अंतिम विकल्प के रूप में ऑपरेशन का सहारा लेना चाहिए। ऑपरेशन के बाद बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है।

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