बिहार में बीडीओ लौटे काम पर, तो अब इंजीनियर गये हड़ताल पर
हार के बीडीओ काम पर लौटे तो अब इंजीनियर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। तीन इंजीनियरों के हड़ताल पर चले जाने से विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ा है। जानें क्या है पूरा मामला।
पटना [जेएनएन]। बिहार के बीडीओ काम पर लौटे तो अब इंजीनियर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे जल संसाधन, भवन निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, ग्रामीण विकास, पथ निर्माण विभाग सहित पुल निर्माण निगम, भवन निर्माण निगम, रोड कंस्ट्रक्शन निगम आदि से जुड़े राज्यभर के कार्यालयों में कामकाज बाधित हो गया है। बिहार अभियंत्रण सेवा संघ ने पूरी तरह हड़ताल होने का दावा किया है।
संघ के अध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा और महासचिव राकेश ने कहा कि दो माह से इंजीनियर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन पर हैं। लेकिन सरकार की ओर से किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया गया, तब इंजीनियरों ने हड़ताल की है। यहां तक कि हड़ताल रोकने के लिए भी कोई पहल नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि हाालंकि राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार एक दिन पहले अनुरोध कर रहे थे कि पहले हड़ताल वापस लीजिए, तब वार्ता करेंगे। काफी विमर्श के बाद हमलोगों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। सरकार पहल करे तो हमलोग वार्ता के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति में 54 दिन बचे हैं। इंजीनियरों की हड़ताल के कारण विकास कार्य ठप पड़ गए हैं। कुल छह हजार पदों में से तीन हजार पद खाली हैं। बाकी बचे तीन हजार इंजीनियर हड़ताल में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जो इंजीनियर हाल में सेवानिवृत्त होनेवाले हैं, उन्हें हड़ताल में शामिल होने से छूट दी गई है। दूसरी ओर कई जिलों में जिलाधिकारी ने परीक्षा ड्यूटी नहीं करने पर एफआइआर दर्ज करने की बात कही है।
बता दें कि इंजीनियर से पहले पिछले छह दिनों से सूबे के प्रखंड विकास पदाधिकारी सामूहिक अवकाश पर थे। साथ ही गुरुवार से हड़ताल पर जानेवाले थे। लेकिन उनकी संघ की ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव से बुधवार की रात अच्छे माहौल में बात हुई। बीडीओ की सभी मांगें मान ली गई, इसके बाद वे काम पर लौट गए।
अभियंताओं की मुख्य मांगें
तकनीकी सेवा के अभियंताओं को विधि-व्यवस्था व परीक्षा कार्य से मुक्त किया जाए
राज्य तकनीकी सेवा आयोग से असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर नियुक्ति के निर्णय को वापस लिया जाए
बिहार लोक सेवा आयोग से प्रतिवर्ष नियमित रूप से नियुक्ति की जाए
प्रोन्नति से पद भरा जाए
संविदा पर इंजीनियरों के नियोजन पर रोक लगाई जाए
केंद्रीय अभियंत्रण सेवा के अनुरूप वेतनमान दिया जाए
इंजीनियरों को वाहन एवं बुनियादी संरचना उपलब्ध कराए जाएं
इंजीनियरों पर दर्ज प्राथमिकी, बर्खास्तगी सहित दमनकारी नीतियों पर रोक लगाने और सभी कार्य विभागों में प्रबंधन कोषांग का गठन हो