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बांग्लादेशी घुसपैठियों ने 66 लाख बिहारियों को किया बेरोजगार

भारत में रहने वाले कुल बांग्लादेशी घुसपैठियों में से 80 फीसद बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल और असम में रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 08:23 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 08:23 PM (IST)
बांग्लादेशी घुसपैठियों ने 66 लाख बिहारियों को किया बेरोजगार
बांग्लादेशी घुसपैठियों ने 66 लाख बिहारियों को किया बेरोजगार

पटना : भारत में रहने वाले कुल बांग्लादेशी घुसपैठियों में से 80 फीसद बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा असम में रहते हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों ने सिर्फ बिहार में ही 66 लाख लोगों के रोजगार पर कब्जा कर लिया है। वोट बैंक के कारण नेताओं ने घुसपैठिए और शरणार्थी के बीच के अंतर पर पर्दा डालने का काम किया है। भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) इसी से पर्दा उठाने का एक माध्यम है। उक्त बातें मंगलवार को एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट सभागार में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सह राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहीं। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के पटना चैप्टर ने एनआइसी, पीओके एवं बाल्टिस्तान की मुक्ति, बढ़ती जनसंख्या विकास के लिए चुनौती, जल व जलवायु संरक्षण तथा बढ़ता प्रदूषण विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया था। : हिन्दू शरणार्थी हैं और बांग्लादेश से आए मुस्लिम घुसपैठिए :

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उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए हिन्दू शरणार्थी हैं। वहां उन्हें धर्म के कारण परेशान किया गया। बहन-बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया। मंदिरों को तोड़ा गया। ऐसी स्थिति में देश छोड़ने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था। लेकिन, बांग्लादेश से आए मुसलमान के साथ ऐसी स्थिति नहीं थी। वह भारत मेंसंसाधनों पर कब्जे के लिए आए। भारत से पाकिस्तान गए 60 हजार से अधिक मुस्लिमों को अभी तक नागरिकता नहीं मिली है। भारत सदा से दूसरे धर्म व देश के नागरिकों को अपनाता रहा है। पारसी और यहूदी इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। : एनआरसी से किसी को डरने की जरूरत नहीं :

उन्होंने कहा कि एनआरसी से डरने की जरूरत नहीं है। रजिस्टर में नाम दर्ज होने का मतलब यह नहीं है कि दूसरे देश के नागरिकों को जबरदस्ती बाहर कर दिया जाएगा। कई विकसित व इस्लामिक देशों में एनआरसी लागू है। इसे पूरे देश में लागू कर यह तय कर लिया जाए कि कितने भारतीय हैं, कितने शरणार्थी और कितने घुसपैठिए। इसे लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। लेकिन, अब देश की बड़ी आबादी हकीकत को समझती है। सभी दलों को आज न कल इसे स्वीकार करना होगा। : 16.5 फीसद आबादी के लिए 3.5 फीसद संसाधन :

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सीपी ठाकुर ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या भारत के लिए सबसे बड़ी समस्या है। विश्व की 16.5 फीसद आबादी भारत में रहती है। जबकि विश्व के कुल संसाधन का 3.5 फीसद ही भारत के पास है। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी का पेट भरने के लिए बड़े स्तर पर रसायन का उपयोग खेती में हो रहा है। इससे कैंसर की बीमारी तेजी से पैर पसार रही है। : घुसपैठियों का गेटवे है बिहार :

पूर्व केंद्रीय मंत्री सह विधान पार्षद प्रो. संजय पसावान ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का बिहार गेटवे है। यहां सख्ती बढ़ाने पर अन्य राज्यों को भी राहत मिलेगी। इसे बंद करना बहुत जरूरी है। एनआरसी के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है। कार्यक्रम को गोलोक बिहारी राय और रामनिवास कुमार ने भी संबोधित किया। मौके पर प्रो. अरुण कुमार, प्रो. विमल किशोर मिश्र, डॉ. विनोद शर्मा, पूर्व एमएलसी विजय यादव आदि मौजूद थे।


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