बिहार में गुटखा और निकोटिन युक्त पान मसाले पर प्रतिबंध एक साल तक बढ़ा, अब बढ़ेगी सख्ती
गुटखा और निकोटिन युक्त पान मसाले पर पिछले वर्ष लगे प्रतिबंध को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया है। इसके पहले लगाए गए प्रतिबंध की अवधि 10 जून को ही समाप्त हो गई थी।
पटना, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग ने गुटखा और निकोटिन युक्त पान मसाले पर पिछले वर्ष लगे प्रतिबंध को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया है। राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया।
दस जून को समाप्त हो गई थी अवधि
बता दें कि पूर्व में लगाए गए प्रतिबंध की अवधि 10 जून को ही समाप्त हो गई थी। नतीजा कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में कठिनाई आ रही थी। दरअसल कोरोना वायरस के कीटाणु थूकने से फैलते हैं।इससे कई गंभीर बीमारी जैसे कोरोना, टीबी, इन्फ्लूएंजा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती बनी रहती है।
जन स्वास्थ्य के हित को देखते हुए फैसला
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त ने जन स्वास्थ्य के हित में सभी तरह के गुटखा और निकोटिन व तम्बाकू युक्त पान मसाला पर प्रतिबंध की अवधि को बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ने 2013 में ही सभी राज्य सरकारों को निकोटिन युक्त पान मसाला और गुटखा के प्रतिबंध का निर्देश दिया था। इसी आलोक में ये प्रतिबंध लगाया गया है। इसबीच पुराने आदेश का समय पूरा होने के बाद फिर से गुटखा और निकोटिन युक्त पान मसाला पर एक साल के लिए लगे प्रतिबंध को अगले एक साल तक के लिए बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया गया है।
किसी भी खाद्य पदार्थ में निकोटिन की मिलावट प्रतिबंधित
बिहार खाद्य संरक्षा आयुक्त के आदेश में फूड सेफ्टी एक्ट 2011 के रेगुलेशन के तहत ये कार्रवाई की गई है। इस कानून के अनुसार किसी भी खाद्य पदार्थ में निकोटिन की मिलावट प्रतिबंधित है। सर्वोच्च न्यायालय ने 2013 में ही सभी राज्य सरकारों को निकोटिन युक्त पान मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध का निर्देश दिया था. इसी आदेश को ध्यान में रखते हुए राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त हर साल प्रतिबंध लगाते रहे हैं।