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जागरण विमर्श : महाशक्ति बनने की दिशा में उठा कदम है बालाकोट पर हमला

हिदुस्तानी फौज द्वारा पाकिस्तान के अंदर जाकर बालाकोट पर किया गया एयर स्ट्राइक दिलाएगा बढ़त

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 08:00 AM (IST)
जागरण विमर्श : महाशक्ति बनने की दिशा में उठा कदम है बालाकोट पर हमला
जागरण विमर्श : महाशक्ति बनने की दिशा में उठा कदम है बालाकोट पर हमला

श्रवण कुमार, पटना। हिदुस्तानी फौज द्वारा पाकिस्तान के अंदर जाकर बालाकोट पर किया गया एयर स्ट्राइक भारत के महाशक्ति बनने की दिशा में उठा ठोस कदम है। इस हमले के बाद कूटनीतिक तौर पर हम मजबूती से सफलता की ओर बढ़ रहे हैं। एफ 16 को मार गिराना और उसके बाद भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को वापस करने के लिए पाक को मजबूर करना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। अभिनंदन को वापस कर इमरान खान ने पाकिस्तान को तबाह होने से बचा लिया। ये बातें एएन कॉलेज के प्राचार्य एसपी शाही ने दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित जागरण विमर्श कार्यक्रम के दौरान कहीं। विमर्श का विषय था 'क्या हासिल हुआ बालाकोट हमले से'।

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शाही ने बालाकोट हमले की पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि यह कश्मीर समस्या की देन है। कश्मीर की समस्या आजादी के बाद से ही आजतक हमें तंग कर रही है। 1948, 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध तो हम जीत गए, पर कश्मीर की समस्या समाधान होने के बजाय और पेचीदा होती चली गई। इस मसले पर शीत युद्ध की स्थिति लगातार बनी हुई है। प्रो. शाही ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय किए गए पोखरण-दो परमाणु परीक्षण के तुरंत बाद पाकिस्तान ने भी परमाणु परीक्षण कर भारत को बराबरी का संदेश देने की कोशिश की थी। शाही ने कहा कि हालांकि वाजपेयी जी की सरकार मजबूत इरादों वाली थी, पर उस वक्त परमाणु परीक्षण से बचती तो पाक बराबरी का संदेश देने के चक्कर में नहीं पड़ता। अब जब दोनों ही देशों के पास परमाणु हथियार हैं, तो स्थिति तनाव शैथिल्य वाली हो गई है।

इंदिरा गांधी के समय भी पाकिस्तान ने किए कुत्सित प्रयास

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के समय भी देश मजबूती के साथ खड़ा हो रहा था और तब भी पाक ने आतंकवाद के जरिए देश को कमजोर करने के प्रयास किए थे। यहां हमारी कूटनीतिक विफलता रही कि पाक हमें अपने ही देशवासियों से लड़ा रहा था और उसके नापाक इरादे के जाल में फंसते रहे। ऑपरेशन ब्लू स्टार और उसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या से भारत कूटनीतिक तौर पर बुरी तरह कमजोर हुआ। इसके बाद बनी कमजोर सरकारों का खमियाजा देश ने भुगता है। पाक के खिलाफ एक्शन का साहस कोई सरकार नहीं कर सकी। प्रो. शाही ने कहा कि पुलवामा में आतंकी हमला कर पाक ने यह सोचा होगा कि भारत चुनावी मोड में है, जवाब नहीं देगा, पर हमारा राष्ट्र प्रेम पाक की सोच पर भारी पड़ा। कड़ा जवाब दिया गया। उचित समय पर अच्छा एक्शन लिया गया।

भारत और पाकिस्तान के लोकतंत्र में फर्क

प्रो. शाही ने कहा कि पाकिस्तान में ट्रू डेमोक्रसी है ही नहीं। वहां की सरकार आज भी सेना के नियंत्रण में चलती है, जबकि भारत का लोकतंत्र अभिनंदन के लायक है। सेना सरकार की नीति पर चलती है। सरकार देश की भावना पर चलती है।


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