पटना में भारी बारिश से धंसी बेली रोड, उपमुख्यमंत्री के घर में भी घुसा पानी
भारी बारिश के कारण पटना में जगह-जगह जल-जमाव है। बेली रोड पर एक जगह सड़क धंस गई है। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के आवास में भी पानी घुस गया है। बारिश में पटना का हाल जानिए इस खबर में।
पटना [जेएनएन]। राजधानी में मानसून की पहली भारी बारिश में यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। जगह-जगह जल-जमाव से आम लोग परेशान हैं। इस बीच रविवार की सुबह नगर की जीवन रेखा (lifeline) 'बेली रोड' का एक लेन धंस जाने के कारण उसपर यातायात बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने घटना के साथ इलाके में भूजल स्तर की जांच का भी आदेश दिया है।
उधर, बिहार के दूसरे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एनएमसीएच) के आइसीयू तक में गंदा पानी घुस गया है। वार्डों में मरीज बेड पर लेटे हैं और नीचे फर्श पर बहते पानी में कीड़े रेंग रहे हैं। अस्पताल व आसपास लमा पानी में मछलियां भी तैर रहीं हैं। हाल यह है कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के सरकारी आवास में भी पानी है।
अचानक धंसी सड़क, यातायत ठप
जानकारी के अनुसार बेली रोड पर बिहार लोक सेवा आयोग के कार्यालय के सामने एक पीलर के लिए खुदाई की गई थी। दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण वहां मिट्टी धंस गई है। सड़क के दोनों तरफ की एक-एक लेन के धंस जाने के कारण उसपर यातायात रोक दिया गया है। फिलहाल, उस रास्ते से होकर जाने वाली गाडि़यों को न्यू सचिवालय की तरफ से डायवर्ट किया जा रहा है।
पटना की जीवन रेखा है बेली रोड
बेली रोड को पटना की जीवन रेखा माना जाता है। यह सड़क पटना जंक्शन के पास स्थित डाक बंगला क्रॉसिंग से दानापुर के पास सगुना मोड़ तक जाती है। यह पटना-दानापुर ट्विन सिटी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क है। इसपर विधानसभा व सचिवालय से लेकर राज्य के दर्जनों बड़े-बड़े कार्यालय हैं।
सीएम नीतीश ने दिया जांच का आदेश
बेली रोड पर आवागमन बंद किए जाने को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण किया। बेली रोड से होकर गुजरने वाली मेट्रो रेल परियोजना को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बेली रोड के नीचे भूजल स्तर की जांच कर आगे की योजना तैयार करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुर्घटना ने भविष्य के लिए सचेत किया है।
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने भी घटना के कारणों की पड़ताल की बात कही है। उन्होंने कहा कि आगे इस तरह की घटना न हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
तालाब बना अस्पताल
भारी बारिश से पटना में जल-जमाव हो गया है। एनएमसीएच तो तालाब बना दिख रहा है। ऊपर मरीज बेड व स्ट्रेेचर पर हैं और नीचे फर्श पर पानी बह रहा है। डॉक्टर -नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मी पानी के बीच मरीजों का इलाज करने को मजबूर हैं। अस्पताल में यह हाल केवल ओपीडी या वार्डों का ही नहीं, आइसीयू का भी है। गंभीर मरीजों के इलाज के लिए बने आइसीयू में भी पानी है।
पटना में जगह-जगह जल-जमाव से परेशानी
यह हाल केवल एनएमसीएच तक सीमित नहीं। दरअसल, पटना में जगह-जगह सम्प हाउस के ठीक से काम नहीं करने के कारण पानी का समुचित निकास नहीं हो पा रहा है। नगर निगम का पूरा तंत्र मूसलधार बारिश के आगे बेबस नजर आ रहा है। अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तर से लेकर सड़क व गली तक जलमग्न हो गए हैं। कई इलाकों में लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं। दुकान, मकान व गोदाम तक में पानी प्रवेश कर गया है।
एनएमसीएच के आसपास स्थित फार्मेसी कॉलेज, टीबी सेंटर, अस्पताल मार्ग, बीएनआर मोड से लेकर सुलतानगंज व महेन्द्र ट्रेनिंग स्कूल के समीप अशोक राजपथ, कृषि बाजार समिति मुसल्लहपुर, गुलजारबाग व मीनाबाजार मंडी, बाचस्पति नगर, बहादुरपुर हाउङ्क्षसग कॉलोनी, ट्रांसपोर्ट नगर, रेलवे लाइन के दक्षिण में कई मोहल्ले जलमग्न हैं।
नाला और सड़क का फर्क समाप्त
सैदपुर-रामपुर नाला के दोनों किनारों की बदहाल सड़क लोगों के लिए जानलेवा बन गई है। बारिश के पानी और गंदगी से नाला सड़क पर उबल गया है। नाला और सड़क के पानी से लबालब हो जाने के कारण दोनों के बीच का फर्क समाप्त हो गया है। इससे वाहनों एवं लोगों के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। किसी भी क्षण हादसा होने की आशंका है।
मुसल्लहपुर स्थित बाजार समिति मंडी भी तालाब में तब्दील हो गया है। परिसर से पानी का निकास नहीं होने के कारण पानी दुकानों व गोदामों में प्रवेश कर गया है। यहां का कारोबार पूरी तरह से बाधित हो गया है।