Move to Jagran APP

बढ़ता बिहार, उद्यम बिहार: जमीन की कमी नहीं, एक लाख को मिलेगा रोजगार; पोर्टल करेगा राह आसान

युवाओं को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी इस पर सर्वाधिक ध्यान है। करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिला है। औद्योगिक भूखंडों की भी कमी नहीं है। सिंगल विंडो सिस्टम का पोर्टल तैयार किया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 30 May 2022 09:22 PM (IST)Updated: Tue, 31 May 2022 12:12 AM (IST)
बढ़ता बिहार, उद्यम बिहार: जमीन की कमी नहीं, एक लाख को मिलेगा रोजगार; पोर्टल करेगा राह आसान
उद्यमी रंजीत कुमार जयसवाल, राजेश सुरेका, सम्राट एम झा, पंकज दीक्षित एवं दैनिक जागरण के समाचार संपादक अश्विनी । जागरण

जागरण संवाददाता, पटना : युवाओं को रोजगार देने के लिए बिहार सरकार तत्पर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी इस पर सर्वाधिक ध्यान है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिला है। औद्योगिक भूखंडों की भी कमी नहीं है। सिंगल विंडो सिस्टम का पोर्टल तैयार किया गया है। इससे राह और आसान होगी। उक्त बातें सोमवार को बिहार सरकार के उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित ने दैनिक जागरण की ओर से आयोजित 'बिहार में उद्योग की संभावनाएं' विषयक परिचर्चा में कहीं। 

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि एथनाल की पहली ग्रीन बेस्ड यूनिट शुरू हुई है। मक्का और पानी इस उद्योग के लिए जरूरी है। दोनों हमारे पास हैं। एथनाल में और यूनिटें लग रही हैं। इस क्षेत्र में बिहार सबसे आगे है। औद्योगिक भूखंडों की कमी नहीं है। बियाडा के पास तीन हजार एकड़ जमीन है। 17 सौ एकड़ जमीन गया में विकसित की जा रही है। एक हजार एकड़ में टेक्सटाइल पार्क लगाने की योजना है। उद्योग के लिए बंजर व कम उपजाऊ जमीन की पहचान हो रही है। क्लस्टर बनाने की दिशा में भी प्रयास हो रहा है। झूला उद्योग के लिए मशीनें मंगाई गई हैं। यह क्लस्टर एकंगरसराय में है। सीप बटन क्लस्टर, राइस मिल क्लस्टर के साथ ही हैंडलूम क्षेत्र में 10 क्लस्टर का गठन हुआ है।

पांच करोड़ से 30 करोड़ रुपये का मिलता है सहयोग

एमएसएमई के तहत क्लस्टर डेवलपमेंट योजना के तहत पांच करोड़ से 30 करोड़ रुपये का सहयोग भी दिया जाता है। राज्य सरकार भी इस दिशा में सक्रिय है। नये कदम के तहत जहां इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से है, वहां प्लग एंड प्ले योजना शुरू करने के लिए पहल की गई है। टेक्सटाइल और लेदर पालिसी लाई गई है। टेक्सटाइल क्षेत्र ज्यादा रोजगार देने वाला है। पांच करोड़ की यूनिट में दो सौ लोग रोजगार पा सकते हैं। स्कील मैपिंग में यह बात भी सामने आई कि बिहार में टेक्सटाइल और चर्म क्षेत्र के कारीगर व उद्यमी की कमी नहीं है। यह भी कि इंडस्ट्री के प्रोपराइटर भी बहारी हैं। हाजीपुर की माडल यूनिट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो का पोर्टल विकसित किया गया है। यह चार स्टेज में है। इससे लाइसेंस लेने में सहूलियत होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.