राज्य ब्यूरो, पटना : कोविड काल के बाद से सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार नई-नई कवायद कर रहा। कई जिलों से ऐसी सूचना आ रही है कि पूर्व से पदस्थापित डाक्टर बगैर विभाग या सरकार की अनुमति लिए सेवा से गायब रहते हैं। कुछ अध्ययन के लिए अवकाश पर रहते हैं। अब स्वास्थ्य विभाग ने ड्यूटी से गायब रहने वालों के साथ अध्ययनरत डाक्टरों का पूरा रिकार्ड रखने का फैसला किया है।
डाक्टरों की कमी दूर करने के लिए विभाग उठा रहा नए-नए कदम
प्रदेश में सरकारी डाक्टरों की कमी है। इसे दूर करने के लिए विभाग नए-नए कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में बिहार तकनीकी सेवा आयोग की अनुशंसा पर 2088 सामान्य डाक्टर और 854 विशेषज्ञ डाक्टर स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित किए गए हैं। नर्सिंग संस्थानों में 165 नर्सिंग ट्यूटर नियुक्त किए गए हैं। इसी प्रकार चिकित्सा संस्थानों में 1159 प्रयोगशाला प्रावैधिकी की नियमित नियुक्ति और पदस्थापन की कार्यवाही भी चल रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति में विज्ञापित 25114 पदों के विरुद्ध 14185 पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
प्रतिनियुक्त डाक्टरों का पूरा ब्योरा सरकार को मुहैया कराएं
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार जिलों के सिविल सर्जनों से कहा गया है कि वे अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में अस्पताल में तैनात या प्रतिनियुक्त डाक्टरों का पूरा ब्योरा सरकार को मुहैया कराएं। साथ ही यह जानकारी अलग से दें कि कितने डाक्टर बीते छह महीने से कार्य से नदारद हैं। विभाग ने अध्ययन को गए डाक्टरों का ब्योरा भी तलब किया है। जिलों को संबंधित जानकारी देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। अच्छी बात यह है कि सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार नई नई कवायद कर रहा। ऐसे में लापरवाही करने वाले चिकित्सकों का ब्योरा स्वास्थ्य विभाग रखेगा।
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