आयुष्मान भारतः 103 सरकारी-निजी अस्पतालों में 5 लाख तक का निशुल्क इलाज करा सकते हैं कार्डधारक
गरीबों को आयुष्मान भारत योजना नया जीवन दे रही है। इसके माध्यम से आप भी मुफ्त जांच व इलाज करा सकते हैं। जानें इसके फायदे।
पटना, जेएनएन। गंभीर रोगों से जूझ रहे गरीबों को आयुष्मान भारत योजना नया जीवन दे रही है। मरीज पांच लाख रुपये तक का निबंधित सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों में कैशलेस इलाज कराकर अपनी जान बचा रहा है। इसमें दवा समेत अस्पताल के अन्य तमाम खर्चे शामिल हैं। रोगी व एक स्वजन के खाने से लेकर घर भिजवाने तक की भी इस योजना में व्यवस्था है। योजना के तहत मिले गोल्डन कार्ड से कैंसर, हृदय समेत अन्य गंभीर रोगों के महंगे इलाज गरीब निशुल्क करा रहे हैं।
ऐसे कराएं निबंधन
2011 में हुए सामाजिक-आर्थिक सर्वे के आधार पर भारत सरकार ने देशभर के पांच करोड़ से अधिक परिवारों को इस योजना के लिए चुना है। सिर्फ राशन कार्ड की छायाप्रति देकर निबंधित अस्पताल में नियुक्त कर्मी, पंचायती राज के अधिकारी के पास से निशुल्क गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। 30 रुपये देकर नजदीकी कम्युनिटी सर्विस सेंटर से भी कार्ड बनवाया जा सकता है।
राज्य के एक तिहाई लोगों का नहीं बना गोल्डन कार्ड
राज्य के 1.6 करोड़ परिवार को इस योजना के लाभुक के रूप में चुना गया है। हालांकि, करीब एक तिहाई लोगों का गोल्डन कार्ड अब तक नहीं बनाया जा सका है। पटना जिले के पांच लाख 55 हजार 543 परिवार के 29 लाख 90 हजार 294 लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। पटना में 39 सरकारी और 64 प्राइवेट नर्सिंग होम इस योजना के तहत निबंधित हैं। यहां अब तक पटना के 19 हजार 795 लोग इलाज करा चुके हैं।
केस हिस्ट्री 01
बलराम की मुफ्त में हो गई एंजियोप्लास्टी
मसौढ़ी के नदौल निवासी पेशे से किसान बलराम कुमार को मार्च 2019 में हार्ट अटैक हो गया था। आइजीआइएमएस में आयुष्मान भारत योजना के तहत तीन से चार लाख की लागत से होने वाली एंजियोप्लास्टी मुफ्त में की गई।
केस हिस्ट्री 02 :
ब्रेन हैमरेज का महंगा उपचार फ्री में
भोजपुर की 55 वर्षीय मीरा देवी को ब्रेन हैमरेज हो गया था। इलाज का खर्च पांच लाख बताया गया। यह राशि किसान पति के बूते से बाहर थी। उसके पास आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड था। उसकीमदद से एम्स पटना में मुफ्त इलाज हो गया।