Ayodhya Structure Demolition Case: अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस का मैं चश्मदीद, कोई पूर्व सुनियोचित षडयंत्र नहीं था : सुशील मोदी
अयोध्या में विवादित ढांचा विघ्वंस मामले में सीबीआइ कोर्ट के फैसले का उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया स्वागत किया । कहा वहां पर जो मंच बना था उसका मैं संचालन कर रहा था। पूरी घटना से एलके आडवाणी जी सहित सभी दुखी थे।
पटना, राज्य ब्यूरो । अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वसं मामले में सीबीआइ की लखनऊ कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि इस मामले का मैं चश्मदीद गवाह रहा हूं। वहां पर जो मंच बना था, उसका मैं संचालन कर रहा था। कोई पूर्व सुनियोजित षडयंत्र नहीं था। वहां पर उपस्थित जो भीड़ थी उसने आवेश में आकर पूरी घटना को अंजाम दिया।
आडवाणी जी सहित सभी दुखी थे
मोदी के अनुसार मंच पर से आडवाणी सहित अन्य नेताओं ने रोकने का काफी प्रयास किया, मगर भीड़ उन्मादी थी और किसी को सुनने के लिए तैयार नहीं थी। पूरी धटना से लाल कृष्ण आडवाणी जी सहित वहां उपस्थित तमाम नेता काफी दुखी थे। कोर्ट ने आज इस पर अपनी मुहर लगा दी है। कोर्ट का फैसला स्वीकार और स्वागतयोग्य है।
बता दें कि अयोध्या ढांचा विध्वंस केस में लखनउ की विशेष अदालत ने 28 साल बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। लखनऊ की विशेष अदालत के फैसले पर आडवाणी ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए खुशी का दिन है और मैं पूरे दिल से कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रति मेरे व्यक्तिगत और भाजपा के विश्वास और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विशेष जज का था अंतिम कार्यकाल
इस मुकदमे पर विशेष जज एसके यादव ने अपने कार्यकाल का अंतिम फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि घटना के प्रबल साक्ष्य नहीं हैं। इसके साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया गया है। विशेष जज ने कहा कि तस्वीरों से किसी को आरोपित नहीं ठहराया जा सकता है। अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था।