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स्वदेशी 'को-वैक्सीन के प्रति जाग रहा विश्वास, अब एम्स के विशेषज्ञ दूर करेंगे मन का भय

स्वदेशी को-वैक्सीन के निर्णायक परीक्षण में शामिल होने के लिए स्वयंसेवियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब एम्स के विशेषज्ञ आज से अन्य कुछ संस्थानों में जाकर लोगों के मन से भय व भ्रम के साथ तमाम आशंकाओं को दूर करेंगे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 06:23 AM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 06:23 AM (IST)
स्वदेशी 'को-वैक्सीन के प्रति जाग रहा विश्वास, अब एम्स के विशेषज्ञ दूर करेंगे मन का भय
स्वदेशी 'को-वैक्सीन के प्रति लोगों का विश्वास जाग रहा है।

जागरण संवाददाता, पटना: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और हैदराबाद स्थित भारतीय दवा कंपनी भारत बायोटेक प्रा. लिमिटेड द्वारा तैयार स्वदेशी 'को-वैक्सीन के निर्णायक परीक्षण में शामिल होने के लिए स्वयंसेवियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार को 41 स्वयंसेवियों ने दवा की खुराक ली। इसमें से 34 उसी डीपीएस कॉलेज के शिक्षक और कर्मचारी हैं, जहां एम्स के विशेषज्ञों ने बैठक कर को-वैक्सीन की गुणवत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी। इसके साथ ही एक हजार स्वयंसेवियों पर किए जाने वाले अंतिम चरण के परीक्षण में 201 लोग वैक्सीन की डोज ले चुके हैं। डीपीएस में जागरूकता कार्यक्रम की सफलता के बाद अब एम्स के विशेषज्ञ आज से अन्य कुछ संस्थानों में जाकर लोगों के मन से भय व भ्रम के साथ तमाम आशंकाओं को दूर करेंगे।  

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बताते चलें कि को-वैक्सीन के अंतिम चरण का परीक्षण जल्द से जल्द पूरा करने के लिए एम्स व जिला प्रशासन जागरूकता अभियान चलाकर स्वयंसेवियों को तैयार कर रहा है। डीपीएस के प्रिंसिपल बी विनोद के नेतृत्व में हुई बैठक में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव  कुमार, चिकित्साधीक्षक डॉ. सीएम सिंह, नोडल फैकल्टी फॉर टीचिंंग एंड ट्रेनिंग ऑफ कोविड 19 डॉ. वीणा सिंह, कोविड कोर ग्रुप के डॉ. बिंदे कुमार, डॉ. अनिल कुमार, व डॉ. अमरजीत कुमार ने शिक्षकों व कर्मचारियों की शंकाओं का समाधान किया था। इसमें को-वैक्सीन के नोडल पदाधिकारी डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि पहले दो चरण के ट्रायल पूरी तरह सफल रहे हैं। यह वैक्सीन सबसे सुरक्षित है। इसकी कोरोना से बचाव की क्षमता 95 फीसद है। डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि पटनावासी जिस उत्साह से स्वयंसेवी बन रहे है यह काफी उत्साहवर्धक है। जो हजार स्वयंसेवी वैक्सीन परीक्षण का हिस्सा बनेंगे वे कोरोना से संघर्ष के इस ऐतिहासिक कदम में भागीदार होंगे। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. वीणा सिंह ने बताया कि ये निष्क्रिय कोरोना वायरस से बना टीका है। ऐसे में इसके साइड इफेक्ट की कोई आशंका नहीं है। डीपीएस के करीब 150 टीचर्स व कर्मचरियों ने वैक्सीन परीक्षण में शामिल होने की सहमति दी है। इनमें से 34 ने रविवार को आरटीपीसीआर विधि से कोरोना जांच कराने के बाद वैक्सीन की खुराक ली।


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