तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक समिति के अध्यक्ष बने अवतार हित, मामला कोर्ट तक जाने के आसार
तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक समिति के पदाधिकारियों के चुनाव को लेकर रविवार को भारी सुरक्षा बल के बीच तख्त परिसर के कान्फ्रेंस हाल से लेकर अध्यक्ष व महासचिव के कमरे तक गहमागहमी रही। प्रबंधक समिति के नौ सदस्यों ने बैठक कर पांच पदाधिकारियों का मध्यावधि चयन किया।
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। Takht Shri Harimandir Sahib Patna: तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक समिति के पदाधिकारियों के चुनाव को लेकर रविवार को भारी सुरक्षा बल के बीच तख्त परिसर के कान्फ्रेंस हाल से लेकर अध्यक्ष व महासचिव के कमरे तक गहमागहमी रही। प्रबंधक समिति के नौ सदस्यों ने बैठक कर पांच पदाधिकारियों का मध्यावधि चयन किया। नवगठित प्रबंधक समिति में फिर से दिल्ली के सरदार अवतार सिंह हित को अध्यक्ष, सरदार जगजोत सिंह को वरीय उपाध्यक्ष, सरदार लखविंदर सिंह को कनीय उपाध्यक्ष, झारखंड के सरदार इंद्रजीत सिंह को महासचिव और सरदार हरवंश सिंह को सचिव चुना गया। छह समर्थकों का समर्थन मिलने से प्रबंधक समिति पर शिरोमणि अकाली दल का फिर कब्जा हो गया। पिछली प्रबंधक समिति का गठन 14 अक्टूबर 2018 को हुआ था।
एक गुट ने बैठक को बताया असंवैधानिक
इधर, प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन ने अध्यक्ष की बैठक को असंवैधानिक बता स्थगित करने की घोषणा कर दी। एसडीओ मुकेश रंजन, डीएसपी अमित शरण व चौक थानाध्यक्ष गौरीशंकर गुप्ता दोनों गुटों के बीच उत्पन्न विवाद को समाप्त कराने की दिशा में लगातार बैठक करते रहे।
अरदास के बाद प्रबंधन समिति की हुई बैठक
तख्त श्रीहरिमंदिर जी के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह के अरदास के बाद प्रबंधक समिति की बैठक अपराह्न चार बजे प्रारंभ हुई। बैठक की समाप्ति के बाद अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह हित ने संवाददाताओं को बताया कि नवगठित समिति में उनके अलावा पटना साहिब के सरदार जगजोत ङ्क्षसह को वरीय उपाध्यक्ष, उतर बिहार के सदस्य सरदार लखविंदर सिंह को कनीय उपाध्यक्ष, झारखंड के सरदार इंद्रजीत सिंह को महासचिव तथा हल्का संख्या दो के सरदार हरवंश सिंह को सचिव चुना गया।
महासचिव ने असंवैधानिक बता बैठक को किया स्थगित
बैठक के बाद प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन ने बताया कि अध्यक्ष द्वारा बुलाई यह बैठक असंवैधानिक है। गुरुद्वारा नियमावली के विरुद्ध एक गैर सदस्य पूर्व महासचिव सरदार चरणजीत सिंह को जिम्मेदारी दी गई। मिनट टू मिनट का काम गुरुद्वारा कर्मी करता है न कि बाहरी व्यक्ति। वहीं वरीय उपाध्यक्ष डा. गुरमीत सिंह ने एक वर्ष की धार्मिक सजा पाने वाले गोविंद सिंह लोंगोवाल को जिम्मेदारी देने के कारण बैठक को असंवैधानिक बताया।
जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह लोंगोवाल के फैसले को पुराना बताया। वरीय उपाध्यक्ष का आरोप था कि काप्ट सदस्य सरदार हरपाल सिंह जौहल को जिला जज की मान्यता के बावजूद उनको बैठक में शामिल होने से रोका गया। सदस्यता को लेकर तीन घंटे तक एसडीओ ने बैठक कर उन्हें शामिल होने की अनुमति दी। ढिल्लन गुट के पांच सदस्य डा. गुरमीत सिंह, सरदार एमपीएस ढिल्लन, सरदार महेंद्र सिंह छाबड़ा, सरदार राजा सिंह व सरदार हरपाल सिंह जौहल ने कहा कि उनलोगों ने बैठक का बहिष्कार किया हैं। मामला प्रबंधक समिति के कस्टोडियन पटना के जिला जज के यहां जाएगा। उनके आदेश के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।