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महाराष्ट्र से आया जड़ी-बूटी बेचने पटना में बन गया लुटेरा, 20 हजार में बेच देता था अॉटो Patna News

राजधानी पुलिस ने लूट गिरोह के एेसे सदस्यों को पकड़ा है जिनमें दिन में जड़ी-बूटी बेचने वाले भी शामिल थे। ये यात्रियों और अॉटो चालकों को अपना निशाना बनाते थे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 09:10 AM (IST)
महाराष्ट्र से आया जड़ी-बूटी बेचने पटना में बन गया लुटेरा, 20 हजार में बेच देता था अॉटो Patna News
महाराष्ट्र से आया जड़ी-बूटी बेचने पटना में बन गया लुटेरा, 20 हजार में बेच देता था अॉटो Patna News

पटना, जेएनएन। राजधानी में आकर युवकों की नीयत एेसी बदली कि जड़ी-बटी बेचते-बेचते वो लुटेरे बन गए। इसके लिए वो चालक और यात्रियों को लूटने लगे। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। सभी लूट के आठ मामलों में वांछित चल रहे थे। खगौल में भी इनके खिलाफ लूटपाट का मामला दर्ज था। सोमवार को पुलिस ने लूट के ऑटो के साथ दानापुर निवासी अजीत कुमार, शाहपुर निवासी राकेश कुमार, खगौल निवासी शालू और महाराष्ट्र के नांदेड़ जिला निवासी अर्जुन सिंह को गिरफ्तार किया था।

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यात्री और चालक बनते थे शिकार

अर्जुन महाराष्ट्र से जड़ी-बूटी बेचने पटना आया था। दो माह पटना में रहने के बाद आठ माह से वह दानापुर के गड़ीखाना में अजीत कुमार के घर में किराए का कमरा लेकर रह रहा था। वह दिन में घूमकर जड़ी-बूटी बेचता था, जबकि रात में गिरोह के साथ यात्रियों से लूटपाट करता था। 20 से 50 हजार रुपये में बेच देते थे ऑटो चोरों ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि वे आठ वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।

तीन वारदातों में उन्होंने ऑटो लूटा था, जबकि दानापुर रेलवे स्टेशन से रात में घर लौट रहे पांच यात्रियों से लूटपाट की थी। अजीत और राकेश के गिरोह के दो साथी पूर्व में भी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। अर्जुन व शालू तीन माह पूर्व गिरोह में शामिल हुए थे। पूर्व में गिरोह ने लूट के दो ऑटो पटना में 20 से 50 हजार रुपये में बेच दिए थे। लूट का ऑटो खरीदने वाले तीन लोगों की पहचान कर पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है।

पकड़ने के लिए करनी पड़ी बड़ी मशक्कत

आसानी से पहचान नहीं होने पर पकड़ना था मुश्किल लुटेरों को इस बात की खबर थी कि शहर में दस हजार से अधिक ऑटो चल रहे हैं। सभी का रंग और डिजाइन भी करीब-करीब एक जैसा है। ऐसे में लूट के दो-चार ऑटो की पहचान करना पुलिस के लिए मुश्किल होता है। लुटेरों ने इसी का फायदा उठाते हुए ऑटो की लूट शुरू कर दी। लेकिन, तीसरी बार लूट के ऑटो के साथ रंगेहाथ दबोच लिए गये।


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