औरंगाबाद ट्रेन हादसा: प्रशांत किशोर ने कहा- केंद्र सरकार है दोषी, तेजस्वी ने जताई संवेदना
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में हुए रेल हादसे में छत्तीसगढ़ के 14 मजदूर रेल हादसे का शिकार हो गए। इस हादसे पर प्रशांत किशोर ने नाराजगी जतायी है तो तेजस्वी ने संवेदना व्यक्त की है।
पटना, जेएनएन। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शुक्रवार की सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर रेलवे ट्रैक पर सो रहे प्रवासी मजदूरों के ऊपर से एक खाली मालगाड़ी गुजरने की वजह से बड़ा हादसा हो गया और इस हादसे में करीब 16 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गयी। कई मजदूर घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
बताया जा रहा है कि श्रमिक भुसावल से पैदल मध्य प्रदेश जा रहे थे और रेल पटरियों के किनारे-किनारे चल रहे थे ताकि घर तक पहुंच सकें। पटरियों के किनारे पैदल चलने के कारण उन्हें जब थकान महसूस हुई तो वो पटरियों पर ही सो गये थे। सुबह की नींद में सभी सो रहे थे कि तभी उनके ऊपर से मालगाड़ी गुजर गई और उसकी चपेट में आने से कई मजदू्र हादसे का शिकार हो गए।
इस दर्दनाक घटना पर जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष सह चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शोक व्यक्त किया है और साथ ही प्रशांत किशोर ने इसके लिए केंद्र की एनडीए सरकार के प्रति नाराजगी भी जाहिर की है।
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि गुमनाम प्रवासी श्रमिक जीवन में और मौत के बाद भी, केवल आंकड़ों तक ही सीमित हैं। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो केंद्र और राज्य दोनों ने उनको भाग्य और समाज की दया पर बेशर्मी से छोड़ दिया है।
The faceless #MigrantWorkers are reduced to mere statistics...both in their lives and death.
Make no mistake, but for few exceptions, Govts both at center & states have been brazen in leaving them at their fate and the mercy of the greed of the society.#CryforJalna— Prashant Kishor (@PrashantKishor) May 8, 2020
वहीं, तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर मृतक श्रमिकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, औरंगाबाद रेल हादसे में 17 श्रमवीर योद्धाओं की असामयिक मौत की दुखद खबर सुन मर्माहत हूं। तालाबंदी की सबसे ज्यादा मार गरीबों पर पड़ रही है। तालाबंदी के बाद सड़क हादसों में अब तक 42 राष्ट्र निर्माता श्रमवीरों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।
औरंगाबाद रेल हादसे में 17 श्रमवीर योद्धाओं की असामयिक मौत की दुःखद ख़बर सुन मर्माहत हूँ। तालाबंदी की सबसे ज़्यादा मार ग़रीबों पर पड़ रही है।
तालाबंदी के बाद सड़क हादसों में अब तक 42 राष्ट्रनिर्माता श्रमवीरों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।#Aurangabad — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 8, 2020