लालू परिवार का हाई वोल्टेज ड्रामा जारी: तीन दिन सड़क पर रहे, अब थाने में पड़े बहू ऐश्वर्या के सामान
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव के तलाक के मुकदमे को लेकर परिवार का झगड़ा नया मोड़ ले चुका है। बहू ऐश्वर्या के सामान सड़क पर रहने के बाद अब थाने में पड़े हैं।
पटना [जेएनएन]। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) ने जिसे शादी के वक्त 'लक्ष्मीनिया' बहू कहा हो, उस ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) के समान सड़क पर गाडि़यों में पड़े हों और कोई उसे लेने को कोई तैयार न हो, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी। लेकिन ऐसा हुआ है। सामान भी ऐश्वर्या की सास व राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने घर से बाहर किया, उसे राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय (Daroga Rai) के पुत्र व ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय (Chandrika Rai) के घर पर भेजा। गुरुवार से सड़क पर पड़े ये सामान फिलहाल पटना के शास्त्रीनगर थाना में तिरपाल से ढ़ककर रखे गए हैं।
चंद्रिका समर्थकों ने मारपीट कर घर के बाहर से भगाया
इसके पहले समान लेकर चंद्रिका राय के आवास पर पहुंचे वाहन चालकों को जब चंद्रिका राय के समर्थकों ने शनिवार की देर शाम वाहन समेत खदेड़ दिया गया तो वे किसी तरह वे शास्त्री नगर थाना पहुंचे। वाहन चालकों का आरोप है कि चंद्रिका राय के समर्थकों ने उनसे मारपीट की तथा जब वे राबड़ी देवी को फोन लगाने लगे तो उनके मोबाइल छीन लिए।
ऐश्वर्या राय के पिता ने सामान लेने से किया इनकार
विदित हो कि बीते गुरुवार की रात राबड़ी देवी ने बहू ऐश्वर्या राय के सामान उनके मायके पिता चंद्रिका राय के पटना स्थित सरकारी आवास पर भेज दिए थे, जिसे लेने से चंद्रिका राय ने इनकार कर दिया। चंद्रिका राय ने कहा कि सामान उनकी बेटी के कमरे का ताला तोड़कर गैरकानूनी तरीके से बिना सूचना भेजे गए हैं, जिन्हें वे स्वीकार नहीं कर सकते। इसके बाद से ऐश्वर्या के सामान चंद्रिका राय के घर के बाहर दो वाहनों में ही पड़े थे। चंद्रिका राय के समर्थकों ने बीती शाम इन वाहनों को घर के पास से भगा दिया।
पहले पुलिस ने खड़े किए हाथ, फिर थाने में रखे सामान
चंद्रिका राय के घर से भगाए जाने के बाद चालक वाहनों को लेकर निकटवर्ती शास्त्री नगर थाने पहुंचे। जानकारी पाकर राबड़ी देवी के समर्थन में आरजेडी नेता आभा लता कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचीं। उन्होंने थाने में सामान सुरक्षित रखने की बात कही, मगर थानाध्यक्ष विमलेंदु ने दो-टूक मना कर दिया। थानाध्यक्ष ने कहा कि वे जबरन न तो किसी के घर में सामान नहीं रखवा सकते हैं और न ही थाने में रखने की इजाजत दे सकते हैं। हालांकि, उन्होंने चालकों को थाने के बाहर गाड़ी खड़ी करने की अनुमति दी।
हालांकि, सुबह के पहले तक वरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप पर थाना पुलिस सामान रखने को राजी हो गयी। फिर, दंडाधिकारी की मौजूदगी में सामान उतार कर उनकी लिस्ट बनायी गयी और उन्हें मामला सुलझने तक शास्त्रीनगर थाने में रख दिया गया। थाना परिसर में तिरपाल से ढंककर रखे गए सामान में आलमारी, पलंग, टेबल, ड्रेसिंग टेबल, फ्रिज, वाशिंग मशीन, आयरन, टोस्टर, लहंगा, चूड़ी, नए व इस्तेमाल किए गए कंबल, कपड़े तथा दैनिक उपयोग की चीजें हैं।
सामान उतरते ही भाग गए वाहन चालक
इस बीच दोनों परिवारों के झगड़े में पिस रहे वाहन चालक संजय और रवि रंजन सामान उतारे जाने के बाद नौ दो ग्यारह हो गए। संजय दादी के श्राद्धकर्म में शामिल होने दुल्हिनबाजार के सिंघाड़ा गांव स्थित घर चला गया।