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नवनिर्वाचित विधायकों की अगवानी के लिए विधानसभा में तैयारी शुरू

नीतीश सरकार के कार्यभार संभालने के साथ 16वीं विधानसभा के 30 नवंबर से शुरू हो रहे प्रथम सत्र की तैयारियां शुरू हो गई हैं। विधानमंडल परिसर के रंग-रोगन के साथ ही नवनिर्वाचित सदस्यों की अगवानी के लिए शनिवार से रेड कारपेट बिछाने का काम शुरू हो गया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2015 09:40 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2015 09:44 AM (IST)
नवनिर्वाचित विधायकों की अगवानी के लिए विधानसभा में तैयारी शुरू

पटना। नीतीश सरकार के कार्यभार संभालने के साथ 16वीं विधानसभा के 30 नवंबर से शुरू हो रहे प्रथम सत्र की तैयारियां शुरू हो गई हैं। विधानमंडल परिसर के रंग-रोगन के साथ ही नवनिर्वाचित सदस्यों की अगवानी के लिए शनिवार से रेड कारपेट बिछाने का काम शुरू हो गया है।

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16वीं विधानसभा का यह पहला सत्र होगा। इसलिए इससे पहले राज्यपाल रामनाथ कोविंद प्रोटेम स्पीकर के तौर पर वरिष्ठतम सदस्य सदानंद सिंह को राजभवन बुलाकर सदस्यता की शपथ दिलाएंगे। पहले दो दिन नवनिर्वाचित सदस्यों को सदस्यता की शपथ दिलाई जाएगी। 2 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में विजय कुमार चौधरी के निर्वाचन की औपचारिकता पूरी की जाएगी। दलीय स्थिति को देखते हुए अध्यक्ष का चुनाव महज औपचारिकता है।

संविधान के अनुच्छेद 176 (1) के तहत राज्यपाल 3 दिसंबर को विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। नई विधानसभा गठित होने के बाद पहले सत्र में राज्यपाल दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हैं। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बाद विधानमंडल का यह संक्षिप्त सत्र समाप्त हो जाएगा।

यूं तो बिहार विधानसभा इतिहास काफी पुराना है। संयुक्त बिहार एवं उड़ीसा राज्य के लिए इसकी 1913 में स्थापना हुई। 20 जनवरी 1913 को बांकीपुर स्थित कौंसिल चैंबर में उप राज्यपाल बेले की अध्यक्षता में इसकी पहली बैठक हुई थी।

बिहार की पहली विधानसभा 1952 में गठित हुई। पहला सत्र 12 मई से 4 अगस्त के बीच 85 दिनों तक चला। इस सत्र में 57 बैठकें हुई थीं। पहली विधानसभा का नौंवा सत्र सबसे लंबा 108 दिनों तक चला जिसमें 64 बैठकें हुईं। दूसरी विधानसभा का सातवां सत्र 139 दिनों तक चला, जिसमें 76 बैठकें हुईं। उसके बाद सदन में बैठकों की संख्या कम होती गई।

15वीं विधानसभा के पांच साल के कार्यकाल में 17 सत्र आहूत हुए। इसमें नौंवा विशेष सत्र एक दिन के लिए 19 जून 2013 को बुलाया गया था जिसमें भाजपा से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में विश्वासमत हासिल किया था। 16वीं विधानसभा का 30 नंवबर से शुरू होने पहला सत्र विधानसभा का 180वां सत्र कहलाएगा।


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