बिहार में असदुद्दीन ओवैसी ने CM नीतीश को दी डाली सलाह-छोड़िए अब BJP का साथ
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ किशनगंज की रैली में केंद्र सरकार पर जमकर निशना साधा। साथ ही ओवैसी ने बिहार के सीएम नीतीश को सलाह दी डाली।
पटना, जेएनएन। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह दी है कि वो अब एनडीए से अलग हो जाएं। ओवैसी रविवार को बिहार के किशनगंज जिले में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ विरोध जताने के लिए जनसभा रैली को संबोधित कर रहे थे।
अपनी रैली के दौरान मंच से असदुद्दीन ओवैसी ने पहले तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को कहा कि वो सामान्य राजनीतिज्ञ नहीं हैं। फिर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजग गठबंधन से अलग होने की नसीहत भी दे डाली।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''नरेंद्र मोदी और अमित शाह सामान्य राजनीतिज्ञ नहीं हैं, नीतीश कुमार साहब इन लोगों को छोड़ दें और खुद को भाजपा से अलग कर लें। हम सब आपका समर्थन करेंगे। आपने बिहार में अपने लिए एक नाम बनाया है, देश की खातिर भाजपा छोड़िए।''
Asaduddin Owaisi, AIMIM in Kishanganj, Bihar: Narendra Modi & Amit Shah are not normal politicians, Nitish Kumar sahab leave these people, disassociate yourself from BJP, we all will support you. You have made a name for yourself in Bihar,leave BJP for the sake of country.(29.12) pic.twitter.com/9ew8H8ZZUJ — ANI (@ANI) December 29, 2019
बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिक संशोधन कानून (सीएए) लागू कर सरकार देश के अंदर फूट डालना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस कानून का विरोध किया जाएगा।
किशनगंज के रुईदासा मैदान में 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इन कानूनों के जरिए बाबा साहेब और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के सपनों को तोड़ रही है।
ओवैसी ने पीएम मोदी पर मुसलमानों से नफरत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के मुसलमानों ने भी आजादी की लड़ाई में कुर्बानियां दी थीं। सीएए पर उन्होंने कहा कि, "ये मसला केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी 130 करोड़ लोगों का मसला है। इस पर हम लोगों को गंभीरता से विचार करना चाहिए।