अतिक्रमण हटा संवरने लगी शहर की सूरत, दूध मार्केट की जगह दिखेगी स्मार्ट पार्किंग Patna News
तीन वर्ष में राजधानी के 871 एकड़ की परिधि के भूखंड को सपनों का शहर बनाने के लिए शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजना मूर्त रूप लेती दिखने लगी है।
By Edited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 09:10 AM (IST)
श्रवण कुमार, पटना। शहर की सूरत पर दशकों से जमे अतिक्रमण के दाग हटने लगे हैं। अब चेहरा चमकेगा और पटना के सौंदर्यीकरण का सपना सरजमीं पर उतरेगा। तीन वर्ष में राजधानी के 871 एकड़ की परिधि के भूखंड को सपनों का शहर बनाने के लिए शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजना मूर्त रूप लेती दिखने लगी है। पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हरकत में आए प्रमंडल और जिला प्रशासन के तेवर से इस बार अतिक्रमणकारियों के होश फाख्ता हैं।
प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर द्वारा लिए जा रहे धड़ाधड़ फैसले और उस पर क्विक एक्शन ने अतिक्रमणकारियों की नींद उड़ा दी है। 17 अगस्त से शुरू मेगा अभियान के 10 दिन हो गए। इन 10 दिनों के अंदर ध्वस्त किए गए अवैध कब्जों और सुचारु यातायात के लिए दर्जनों बदलाव का असर दिखने लगा है।
दूध मार्केट की जगह दिखेगी चकाचक स्मार्ट पार्किंग
पटना जंक्शन के ठीक आगे तीन दशक से अधिक समय से रेलवे की जमीन पर दूध मार्केट लग रहा था। 1991 में तो तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने इसका विधिवत उद्घाटन तक कर दिया था। तब से शासन-प्रशासन ने इसे हटाने की हिम्मत नहीं दिखाई। यदा-कदा कोशिश भी हुई तो दूध विक्रेताओं ने अतिक्रमण हटाने गई टीम को खदेड़ दिया। दूध मार्केट की वजह से पटना जंक्शन की खूबसूरती खुल कर सामने नहीं आ पा रही थी। अब जब दूध मार्केट ध्वस्त हो चुका है, यहां पटना जंक्शन आने वालों के वाहनों के लिए स्मार्ट पार्किंग जोन बनाए जाने के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार होने लगा है। हाइड्रोलिक वाहन पिकअप फैसिलिटी के साथ ही यहां चिप और सेंसर बेस्ड इंफॉर्मेशन भी रहेगा।
विकास भवन के सामने बनेगी मल्टी लेबल पार्किंग
न्यू सचिवालय अर्थात विकास भवन के आसपास के इलाके की सूरत भी अब बदलने वाली है। हरित पट्टी से आच्छादित इस इलाके की सड़कों को चौड़ा कर सुकूनदायक बनाया जा रहा है। इसके लिए विकास भवन के सामने अतिक्रमण कर बसे बाजार को ध्वस्त कर दिया गया है। सचिवालय परिसर में स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण बल्लभ सहाय की प्रतिमा की बाई ओर लगभग दो एकड़ भूखंड पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा था। उसे ढहाकर अब राजधानी वाटिका के विस्तार की योजना बन रही है।
सचिवालय के तालाब को भी इस विस्तार में शामिल कर पटनावासियों को एक 'खूबसूरत संसार' का उपहार दिया जा रहा है। यह खूबसूरत संसार यातायात के लिहाज से भी सहज और सुचारू हो, इसके लिए सचिवालय के ऐतिहासिक मुख्य द्वार को भी ढहा दिया गया है। सड़कें चौड़ी की जा रही हैं। वेंडिंग जोन बनाकर दुकानदारों को व्यवस्थित तरीके से बसाने की योजना बनाई जा रही है। राजधानी वाटिका आने वाले को शहर का खूबसूरत चेहरा यहां दिखे, इसकी मुकम्मल तैयारी है।
सगुना मोड़ से आयकर गोलंबर तक अवरोध रहित यातायात से जाम से मुक्ति
अतिक्रमण के साथ ही जाम ने भी शहरवासियों की खूब रुलाया है। प्रशासन की टीम ने जाम से मुक्ति के लिए भी कई अहम और बड़े बदलाव किए हैं। इसमें हड़ताली चौक से क्रासिंग बंद करना एक बड़ा बदलाव साबित हुआ है। बेली रोड-बोरिंग रोड टर्निग पर भी क्रासिंग बंद किए जाने की तैयारी है। हड़ताली चौक और पुनाईचक चौराहा पर तो क्रासिंग बंद करने के लिए पक्के अवरोधक भी बन रहे हैं। वीआइपी मूवमेंट या किसी आपात स्थिति के लिए लगभग 25 फीट अस्थाई ट्राली यहां लगी रहेगी।
अवरोध भी कम नहीं हैं अतिक्रमण मुक्ति के मार्ग में
प्रमंडलीय आयुक्त की तत्परता एवं चुस्त चाल और जिलाधिकारी कुमार रवि के प्रशासनिक कौशल से भले ही अतिक्रमण हटाओ अभियान सफलता की ओर अग्रसर है, पर अभियान में अवरोध भी कम नहीं आए हैं। आज भी विकास भवन के सामने का पूरा बाजार खाली नहीं हो पाया है। जब तक बाजार पूरा खाली नहीं होगा, मल्टी लेवल पार्किंग बनने का सपना अधूरा ही रहेगा। अवरोध यह है कि उस भूखंड पर दो तरह के दुकानदार हैं। एक का दावा है कि उनकी दुकानें बाजार समिति द्वारा आवंटित हैं। दूसरे का कहना है वहां स्थित नौलखा दुर्गा मंदिर गिफ्ट की हुई जमीन पर है।
प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर द्वारा लिए जा रहे धड़ाधड़ फैसले और उस पर क्विक एक्शन ने अतिक्रमणकारियों की नींद उड़ा दी है। 17 अगस्त से शुरू मेगा अभियान के 10 दिन हो गए। इन 10 दिनों के अंदर ध्वस्त किए गए अवैध कब्जों और सुचारु यातायात के लिए दर्जनों बदलाव का असर दिखने लगा है।
दूध मार्केट की जगह दिखेगी चकाचक स्मार्ट पार्किंग
पटना जंक्शन के ठीक आगे तीन दशक से अधिक समय से रेलवे की जमीन पर दूध मार्केट लग रहा था। 1991 में तो तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने इसका विधिवत उद्घाटन तक कर दिया था। तब से शासन-प्रशासन ने इसे हटाने की हिम्मत नहीं दिखाई। यदा-कदा कोशिश भी हुई तो दूध विक्रेताओं ने अतिक्रमण हटाने गई टीम को खदेड़ दिया। दूध मार्केट की वजह से पटना जंक्शन की खूबसूरती खुल कर सामने नहीं आ पा रही थी। अब जब दूध मार्केट ध्वस्त हो चुका है, यहां पटना जंक्शन आने वालों के वाहनों के लिए स्मार्ट पार्किंग जोन बनाए जाने के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार होने लगा है। हाइड्रोलिक वाहन पिकअप फैसिलिटी के साथ ही यहां चिप और सेंसर बेस्ड इंफॉर्मेशन भी रहेगा।
विकास भवन के सामने बनेगी मल्टी लेबल पार्किंग
न्यू सचिवालय अर्थात विकास भवन के आसपास के इलाके की सूरत भी अब बदलने वाली है। हरित पट्टी से आच्छादित इस इलाके की सड़कों को चौड़ा कर सुकूनदायक बनाया जा रहा है। इसके लिए विकास भवन के सामने अतिक्रमण कर बसे बाजार को ध्वस्त कर दिया गया है। सचिवालय परिसर में स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण बल्लभ सहाय की प्रतिमा की बाई ओर लगभग दो एकड़ भूखंड पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा था। उसे ढहाकर अब राजधानी वाटिका के विस्तार की योजना बन रही है।
सचिवालय के तालाब को भी इस विस्तार में शामिल कर पटनावासियों को एक 'खूबसूरत संसार' का उपहार दिया जा रहा है। यह खूबसूरत संसार यातायात के लिहाज से भी सहज और सुचारू हो, इसके लिए सचिवालय के ऐतिहासिक मुख्य द्वार को भी ढहा दिया गया है। सड़कें चौड़ी की जा रही हैं। वेंडिंग जोन बनाकर दुकानदारों को व्यवस्थित तरीके से बसाने की योजना बनाई जा रही है। राजधानी वाटिका आने वाले को शहर का खूबसूरत चेहरा यहां दिखे, इसकी मुकम्मल तैयारी है।
सगुना मोड़ से आयकर गोलंबर तक अवरोध रहित यातायात से जाम से मुक्ति
अतिक्रमण के साथ ही जाम ने भी शहरवासियों की खूब रुलाया है। प्रशासन की टीम ने जाम से मुक्ति के लिए भी कई अहम और बड़े बदलाव किए हैं। इसमें हड़ताली चौक से क्रासिंग बंद करना एक बड़ा बदलाव साबित हुआ है। बेली रोड-बोरिंग रोड टर्निग पर भी क्रासिंग बंद किए जाने की तैयारी है। हड़ताली चौक और पुनाईचक चौराहा पर तो क्रासिंग बंद करने के लिए पक्के अवरोधक भी बन रहे हैं। वीआइपी मूवमेंट या किसी आपात स्थिति के लिए लगभग 25 फीट अस्थाई ट्राली यहां लगी रहेगी।
अवरोध भी कम नहीं हैं अतिक्रमण मुक्ति के मार्ग में
प्रमंडलीय आयुक्त की तत्परता एवं चुस्त चाल और जिलाधिकारी कुमार रवि के प्रशासनिक कौशल से भले ही अतिक्रमण हटाओ अभियान सफलता की ओर अग्रसर है, पर अभियान में अवरोध भी कम नहीं आए हैं। आज भी विकास भवन के सामने का पूरा बाजार खाली नहीं हो पाया है। जब तक बाजार पूरा खाली नहीं होगा, मल्टी लेवल पार्किंग बनने का सपना अधूरा ही रहेगा। अवरोध यह है कि उस भूखंड पर दो तरह के दुकानदार हैं। एक का दावा है कि उनकी दुकानें बाजार समिति द्वारा आवंटित हैं। दूसरे का कहना है वहां स्थित नौलखा दुर्गा मंदिर गिफ्ट की हुई जमीन पर है।
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