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गगन में गूंजी पुकार अब नही दहेज की दरकार

गुलाबी ठंड में गुनगुनी धूप के बीच सोमवार की सुबह एक नई करवट ली।

By Edited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 01:37 AM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 01:37 AM (IST)
गगन में गूंजी पुकार अब नही दहेज की दरकार
गगन में गूंजी पुकार अब नही दहेज की दरकार

पटना सिटी। गुलाबी ठंड में गुनगुनी धूप के बीच सोमवार की सुबह एक नई करवट ली। दहेज को ना कहें कि मुहिम लेकर दैनिक जागरण का रथ गायघाट स्थित महात्मा गांधी सेतु के नीचे पहुंचा। दो दिलो का बंधन है..दहेज लेना पाप है दहेज देना पाप है जैसे गीत कानो में रस घोल रहे थे। बजते नगाड़ो की तेज आवाज मानो नासूर बने शब्द दहेज को गुम करने के लिए बेताब थी। गुलाबी परिधान में सजी-संवरी होली विजन इंटरनेशनल स्कूल की बच्चियां इस मुहिम का हिस्सा बनने के लिए जैसे परी लोक से नीचे उतर आई हो। दहेज को दानव बताने वाले नृत्य व नाटक की इनकी प्रस्तुति सराही गई।

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स्वागत मे हर किसी की रही भागीदारी

पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव एवं पटना की महापौर सीता साहू ने पुरजोर अंदाज में दहेज को दरकिनार करने का शंखनाद फूंका। कई वार्ड के पार्षद, शिक्षाविद, धर्म गुरु, छात्र-छात्राएं, शिक्षक, समाजसेवी, राजनीतिज्ञ, अधिवक्ता, पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी, स्लम बस्ती के लोग और राहगीर दहेज के खिलाफ एक मंच पर नजर आए। ऐतिहासिक अशोक राजपथ पर एक नया इतिहास लिखने के लिए हजारो लोगो का हुजूम निकल पड़ा था। मशाल लिए मंत्री और महापौर रहनुमाई कर रहे थे।

मेयर ने पदयात्रा मे शामिल हो कर भरा जोश

मेयर सीता साहू ने दो किलोमीटर से अधिक दूरी तक पदयात्रा कर महिलाओ में जोश भरा। गुलजारबाग स्टेडियम के समीप खड़े स्कूली बच्चे व शिक्षक इस अभियान का हिस्सा बने। भद्रघाट पर रंग-बिरंगे गुब्बारे लिये स्कूली बच्चे जागरण की मुहिम को मुकाम तक पहुंचने का संकल्प लिए रथ के इस्तकबाल को बेताब दिखे। बड़ी पटनदेवी स्थान जाने के मुख्य द्वार पर जमे लोग इस कारवां में शामिल हो गए। दहलीज लांघ सड़क पर उतरी पर्दानशी मुस्लिम महिलाओ ने जागरण की पहल को दिल की आवाज बताया। अनुमंडल कार्यालय के समीप मानव श्रृंखला बनाए खड़ी कई स्कूलो की छात्राएं इस पदयात्रा में शामिल होकर दूर तक चली। बेलवरगंज के बाद पश्चिम दरवाजा में जागरण की जयकार एक बार फिर गूंजी। फूलो की पंखुडि़यां आकाश में उड़ा कर इस नेक मुहिम का लोगो ने समर्थन किया।

धूप चढ़ने के साथ अभियान भी पहुंचा शिखर तक

दोपहर की धूप सिर पर थी। अभियान का पारा भी अपने मकसद में शिखर पर चढ़ता चला जा रहा था। पार्षदो की टोली के साथ महापौर अब तक अभियान का हिस्सा बनी हुई थी। बॉली मोड़ से होकर काफिला खाजेकलां पानी टंकी मोड़ पहुंचा। यहां युवाओ की सर्वाधिक मौजूदगी से मुहिम को मुकम्मल दिशा मिलती नजर आई। नगाड़े की तेज आवाज दहेज के गिरहे को लगातार खोलती और तोड़ती जा रही थी। युवाओ ने यहां प्रण लिया कि दुल्हन के रूप में घर खुशियां लाएंगे, दहेज की जलालत दूर भगाएंगे।

आतिशबाजी जलाई मनाई खुशियां

खाजेकलां थाना के समीप मुख्य मार्ग पर आतिशबाजी कर लोगो ने दहेज के अब काफूर हो जाने की उम्मीद लिए खुशियां मनाई। इस व्यवसायिक नगरी में दहेज को न कहने से महफूज हुई इंसानियत इतरा रही थी। लोग जुड़ते गए और काफिला आगे बढ़ता रहा। अब रथ शहीद भगत ¨सह चौक पहुंच चुका था। रंग-बिरंगे गुब्बारो के गुच्छे से लटक रहा संदेश दहेज को कहें न हाथो से छूट कर आकाश की ओर परवाज कर गया। सैकड़ो लोगो की हजारो निगाहो के सामने ही दहेज मानो आसमान में कही गुम हो गया हो। लोग बेहद खुश थे।

चेहरो के सुकून ने बदलाव पर लगाई मुहर

नेक नीयत के साथ निकला दहेज की मुखालिफत करता दैनिक जागरण का यह जागरूकता रथ अब विश्व में दूसरे तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब परिसर की पाक सरजमीन पर पहुंच चुका था। जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल की गूंज के बीच मंजिल को पहुंच चुकी जागरण की मुहिम की चमक हजारो लोगो की आंखो में साफ नजर आ रही थी। पास खड़ी महिलाओ और बेटियो के चेहरो का सुकून एक बड़े बदलाव पर मुहर लगा चुका था।


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