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अनंत का JP के गांव से था गजब का लगाव, जयंती पर हर साल आते थे सिताब दियारा

अनंत कुमार का सोमवार को बेंगलुरु में निधन हो गया। वे लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा के दौरान जेपी के घर सिताब दियारा गए थे। बाद में 1990 से हर साल जेपी जयंती पर वहां जाते थे।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 11:04 PM (IST)
अनंत का JP के गांव से था गजब का लगाव, जयंती पर हर साल आते थे सिताब दियारा
अनंत का JP के गांव से था गजब का लगाव, जयंती पर हर साल आते थे सिताब दियारा

पटना [राज्य ब्यूरो]। अब अनंत कुमार कभी सिताब दियारा नहीं जाएंगे। लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) के इस गांव से उनका गजब का लगाव था। जेपी जयंती (11 अक्टूबर) को वे कहीं और नहीं, सिताब दियारा में ही रहते थे। जेपी के घर पर अनंत घंटों बैठते थे। उनकी कोशिश से सिताब दियारा में विकास के भी कई काम हुए।

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विदित हो कि केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का 59 वर्ष की उम्र में कैंसर के कारण सोमवार को बेंगलुरु में निधन हो गया। अनंत कुमार 1996 से दक्षिणी बेंगलुरु से सांसद थे।

1990 से चल रहा था सिलसिला

अनंत कुमार का जेपी के गांव आने का सिलसिला 1990 से अबाध चल रहा था। उस साल भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए रथयात्रा निकाली थी। अनंत कुमार सहयात्री थे। यात्रा जेपी के घर सिताब दियारा पहुंची। अनंत बेहद उत्साहित थे कि उन्हें जेपी की जन्मभूमि का दर्शन हो रहा है।

बीमारी के कारण्‍ा इस साल टूटा था क्रम

उसी दिन उन्होंने तय किया कि हर साल जेपी की जयंती पर सिताब दियारा आएंगे। यह क्रम इस साल टूटा। बीमारी की वजह से अनंत सिताब दियारा नहीं आ सके। अनंत में खो गए अनंत अब आएंगे भी नहीं, यह सिताब दियारा के लोगों को सालता रहेगा।

दक्षिण में जेपी आंदोलन के बड़े सेनानी थे अनंत

अनंत का जेपी से लगाव बेवजह नहीं था। वे दक्षिण भारत में जेपी आन्दोलन के बड़े सेनानी थे। इमरजेंसी के दिनों में छात्र थे। उन्हीं दिनों उनकी गिरफ्तारी हुई। जेल से निकले जनता पार्टी की सरकार बनाने में सक्रिय हुए। उन दिनों उनकी सक्रियता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में थी। बिहार यात्रा के दौरान वे पटना के कदमकुंआ स्थित जेपी निवास पर जाना नहीं भूलते थे। परिषद में रहने के दौरान उन्होंने हिन्दी पट्टी का भ्रमण किया था। उनकी हिन्दी इतनी अच्छी थी कि किसी को यह जानकर ताज्जुब होता था कि वे दक्षिण भारत के हैं।


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