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वृद्धावस्था पेंशन की राशि में नहीं होगा इजाफा, सीएम नीतीश ने कह दिया- इससे अधिक संभव नहीं

सीएम नीतीश ने कहा कि पेंशन की वजह से परिवार में वृद्धजन की बढ़ती है इज्जत। दूसरे राज्यों से तुलना करें तो प्रति व्यक्ति आय भी देखें।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 08:47 PM (IST)
वृद्धावस्था पेंशन की राशि में नहीं होगा इजाफा, सीएम नीतीश ने कह दिया- इससे अधिक संभव नहीं
वृद्धावस्था पेंशन की राशि में नहीं होगा इजाफा, सीएम नीतीश ने कह दिया- इससे अधिक संभव नहीं

पटना, राज्य ब्यूरो। सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि वृद्धावस्था में दी जाने वाली पेंशन राशि में वृद्धि संभव नहीं। उन्होंने कहा कि बिहार एक पिछड़ा हुआ राज्य है और इसकी तुलना अन्य राज्यों से करना ठीक नहीं। यदि तुलना करनी है तो उन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय का भी आकलन करना चाहिए। मंगलवार को विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य डॉ. मदन मोहन झा और प्रेमचंद मिश्रा द्वारा लाए गए एक ध्यानाकर्षण के जवाब में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। 

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मदन मोहन झा और प्रेमचंद मिश्रा ने तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और हरियाणा में एक हजार पेंशन दिए जाने का मामला उठाकर बिहार में भी इसे लागू करने की मांग उठाई थी। समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह प्रश्न का जवाब दे रहे थे।

मंत्री के जवाब के बीच मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना और दूसरी अन्य पेंशन देने में सरकार को 40 फीसद के हिसाब से राज्यांश मद में बड़ी रकम खर्च करनी होती है। साथ ही सरकार ने राज्य के वैसे नागरिक जिन्हें कोई पेंशन नहीं मिलती उनके लिए वृद्धजन पेंशन योजना शुरू की है। इस योजना से 36 लाख लोगों को जोडऩे का लक्ष्य है। जिस पर तकरीबन 1800 करोड़ रुपये खर्च आएगा। योजना से 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले प्रत्येक नागरिक को 400 और 80 आयु से ऊपर के नागरिकों को 500 रुपये दिए जाने हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेंशन से घर परिवार नहीं चलता। यह तो सांकेतिक तौर पर कुछ मदद है। पेंशन मिलने से परिवार में बुजुर्ग की इज्जत बढ़ती है। पति-पत्नी को मिलाकर यदि 800 रुपये मिल जाते हैं तो परिवार में उनकी इज्जत बढ़ जाती है। दूसरे राज्यों से पेंशन की तुलना किए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्य क्या दे रहे हैं इसका आकलन नहीं होना चाहिए, क्योंकि जिन राज्यों का उदाहरण दिया जा रहा है वे विकसित राज्य हैं और हम पिछड़े राज्य।

उन्‍होंने कहा कि बिहार की अर्थ व्यवस्था भी अभी उच्च स्तर की नहीं। साथ ही संबंधित राज्यों में प्रति व्यक्ति आय भी ज्यादा है। उन्होंने कहा यदि केंद्र पेंशन योजनाओं की राशि में वृद्धि करता है तो राज्यांश मद में भी पैसा बढ़ाना होगा। आकलन है कि वैसी स्थिति में अतिरिक्त 4300 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। 

इससे पहले समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत पेंशन का पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में आरटीजीएस किया जाता है। इसमें आधार की जरूरत नहीं होती है। पेंशनधारियों को मार्च महीने तक के भुगतान के लिए 63.24 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। अप्रैल से जून के बकाया के लिए राशि जारी करने की प्रक्रिया जारी है। 


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