पटना में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच नगर निगम में शह-मात का खेल, खतरे में पड़ी मेयर की कुर्सी
एक तरफ बिहार की राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है वहीं नगर निगम में भी शह-मात का खेल जारी है। नगर निगम की मेयर सीता साहू की कुर्सी खतरे में पड़ गई है।
पटना, जेएनएन। बिहार की राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। पिछले 36 घंटे में जहां 650 नए मरीज मिले हैं वहीं अप पटना के नगर निगम में शह-मात का खेल जारी है और पटना की मेयर सीता साहू की कुर्सी खतरे में आ गई है। एक बार फिर मेयर के विरोधियों ने उन्हें कुर्सी से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया है, जिसपर 75 में से 41 पार्षदों ने अपने हस्ताक्षर किए हैं।
विरोधियाें ने महापौर पर आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी में पार्षदों एवं पटनावासियों के लिए उन्होंने कोई कार्य नहीं किया है, जिससे पार्षदों का अब उनपर विश्वास नहीं रह गया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने आउटसोर्स को बढ़ावा देने के लिए वार्ड समिति का गठन नहीं होने दिया और जनता की उम्मीदरों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने निगम में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को भी बढ़ावा दिया है। आउट सोर्सिंग के माध्यम से निगम कोष की लूट कराई गई और पिछले तीन साल में उन्होंनेे कोई कार्य नहीं किया।
सीता साहू ने कहा-मेरे साथ हैं पार्षद, हस्ताक्षर कराने से नहीं चले जाएंगे
महापौर सीता साहू ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा, पार्षद मेरे पास हैं। सिर्फ हस्ताक्षर कराकर लाने से नहीं होगा। मैं हर हाल में बहुमत साबित कर दूंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोधी विकास कार्य नहीं करने दे रहे हैं। तीन साल के कार्यकाल में जो कार्य मैंने किया, ऐसा कार्य नगर निगम के किसी महापौर ने नहीं किया है। इस तरह से बार-बार अविश्वस प्रस्ताव लाने से विकास कार्य बाधित होता है। सबको साथ मिलकर पटना को सुंदर और स्वच्छ बनाने में सहयोग देना चाहिए। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। मेरे पुत्र पर लगाए गए आरोप भी निराधार है।
इस बार कुर्सी नहीं बचा पाएंगी सीता साहू- विनय कुमार पप्पू
पूर्व उप महापौर विनय कुमार पप्पू ने कहा कि इस बार सीता साहू की कुर्सी जानी तय है। 41 सदस्यों ने हस्ताक्षर करके दिया है। बड़ी संख्या में पार्षद उनके विरोध में हैं। सात दिनों के अंदर अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाकर बहुमत साबित करने की तिथि घोषित करनी है।