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गजब! बिहार में पहाड़, तालाब व श्‍मशान तक अपने नाम करा बैठे हैं लोग, हैरत में डाल देगी अतिक्रमण की हालत

बिहार में सार्वजनिक व सरकारी भूमि के अतिक्रमण की हालत यह है कि लोगों ने पहाड़ तालाब व श्‍मशान-कब्रिस्‍तान तक अपने नाम करा लिए हैं। भूमि सर्वे में अभी तक ऐसे एक हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 07 Oct 2022 04:00 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 04:50 PM (IST)
गजब! बिहार में पहाड़, तालाब व श्‍मशान तक अपने नाम करा बैठे हैं लोग, हैरत में डाल देगी अतिक्रमण की हालत
बिहार में सार्वजनिक व सरकारी भूमि का अतिक्रमण। सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना, आनलाइन डेस्‍क। बिहार में भूमि अतिक्रमण का हाल जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। यहां सरकारी भूमि की बात तो छोड़ ही दीजिए, पहाड़ से लेकर श्मशान तक पर अवैध कब्‍जा है। झील, तालाब व नदी-नाले भी लोगों की निजी संपत्ति हो गए हैं। राज्य में चल रहे भूमि सर्वे के दौरान ये खुलासे हो रहे हैं। कई मामलों में तो अंचल कार्यालय के भ्रष्‍ट तत्‍वों की मिलीभगत से ऐसी भूमि के पर्चे भी काट दिए गए हैं। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने अतिक्रमण के मामलों पर कड़ी कार्रवाई करने व ऐसी जमीन को मुक्त कराने का भरोसा दिया है।

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कहीं पहाड़ तो कहीं श्‍मशान पर कब्‍जा

भूमि सर्वे में ज्ञात हुआ है कि शेखपुरा बाजार से निकट स्थित कारे पंचायत में एक पहाड़ को बालमुकुंद नामक व्यक्ति ने अपने नाम पर करा लिया है। शेखपुरा के जखराज स्थान मोड़ के पास के श्मशान के बड़े भू-भाग को एक अन्‍य व्‍यक्ति ने अपने नाम पर करा लिया है। मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में भी श्मशान पर कब्जा समाने आया है।

तालाब व टोपोलैंड की भी बंदोबस्‍ती

मधुबनी, लखीसराय एवं दरभंगा में लोगों ने सार्वजनिक तालाब अपने नाम पर करा लिए हैं। सीवान के महाराजगंज स्थित दरौंदा स्टेशन से पास भी एक तालाब को एक व्‍यक्ति ने अपने नाम पर करा लिया है। सारण जिले के सोनपुर में टोपोलैंड की बंदोबस्ती उजागर हुई है।

कमेटी के लोगों ने ही बेचा कब्रिस्तान

कुछ जगह दबंगों या भूमि की देखरेख करने वाली कमेटी के सदस्यों ने ही घोटाला कर दिया है। गैर-मजरूआ भूमि की श्रेणी में आने वाले कब्रिस्तान की देखरेख करने वाली ग्राम सभा या कमेटी के सदस्‍यों ने ही इसे बेच दिया है।

हजार से अधिक मामले हुए उजागर

भूमि सर्वेक्षण में अभी तक सार्वजनिक व सरकारी भू-संपत्ति के अतिक्रमण के ऐसे हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इसकी पड़ताल जारी है। समस्‍या यह है कि सरकार के पास सरकारी जमीन के अतिक्रमण का कोई सटीक आंकड़ा उपलब्‍ध नहीं है। संबंधित जानकारी जिलों से मंगाई जा रही है।

मंत्री ने दिया कार्रवाई का आश्‍वासन

बिहार में बड़े पैमाने पर ऐसे अतिक्रमण को लेकर बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने कहा है कि भूमि सर्वे के बाद अतिक्रमण से संबंधित मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सार्वजनिक व सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।


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