बिहार में इमरजेंसी की सभी सेवाएं इस नंबर पर, बस डायल करना होगा ये तीन डिजिट Patna News
अब इमरजेंसी में सभी सेवाएं एक ही नंबर पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए विकल्प मौजूद है। बस हमें अपने फोन से तीन डिजिट डायल करने होंगे। जानें।
जितेंद्र कुमार, पटना। किसी तरह का संकट या आपदा हो वन इन ऑल इमरजेंसी नंबर 112 डायल करेंगे तो 28 मिनटों में समाधान होगा। बिहार में अब तक पुलिस सहायता के लिए 100, अग्निशमन के लिए 101, एंबुलेंस के लिए 102 अथवा 1099 डायल करना पड़ता था। अब सभी सेवाएं एक ही नंबर पर उपलब्ध होंगी और निष्पादन के लिए अधिकतम समय से ज्यादा नहीं लगना चाहिए।
बिहार में बाढ़ और भूकंप के अलावा अन्य आपदा, बिजली सेवा, नगर निगम और जिला नियंत्रण कक्ष के अलावा रेलवे के नंबर अलग से याद रखना मुश्किल था। सरकार ने वन इन ऑल इमरजेंसी नंबर 112 को जनवरी 2018 में चालू करना था लेकिन देर से ही सही इसका मॉडल तैयार कर लिया गया।
कैसे काम करेगा इमरजेंसी सिस्टम
जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन में एक संयुक्त भवन होगा। इसमें सभी विभागों के पदाधिकारी अथवा उनके प्रतिनिधि 24 घंटे तैनात रहेंगे। जिन जिलों में डीआइजी, आइजी अथवा प्रमंडलीय आयुक्त का पद नहीं होगा वहां उनके प्रतिनिधि रहेंगे। किसी भी घटना जैसे लूट, छेड़खानी, हत्या, अगलगी, सड़क दुर्घटना, भीड़ की ङ्क्षहसा, नाव दुर्घटना सहित जितनी तरह की आपदा या संकट हो 112 डायल करने पर संयुक्त पुलिस भवन की घंटी बजने लगेगी।
वहां मौजूद विभाग तत्काल रेस्पांस लेंगे। एंबुलेंस, दमकल, क्विक मोबाइल टीम का पुलिस दल अथवा भीड़ प्रबंधन जैसे कार्य के लिए टीम रवाना होगी। घटना और घटनास्थल पर बचाव कार्य की ट्रैकिंग भी होगी। यदि किसी मामले में उच्चाधिकारी से मदद या राय लेने की जरूरत पड़ी तो ऑनलाइन संपर्क होगा।
संयुक्त पुलिस भवन में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की सेवा होगी ताकि तत्काल जांच कर अपराधियों को दंडित करने में विलंब नहीं हो। राज्य के सुदूर जिले में किसी घटना के अनुसंधान में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की मदद के लिए पटना पर आश्रित रहना पड़ता था।
नेटवर्क फेल की चिंता नहीं
टेलीफोन और मोबाइल नेटवर्क फेल रहने पर सामान्य स्थिति में कॉल कनेक्ट नहीं होता है। वन इन ऑल इमरजेंसी नंबर का सिस्टम इस तरह तैयार किया जा रहा है कि नेटवर्क फेल होने की चिंता नहीं होगी। यदि किसी कारण से दूरसंचार नेटवर्क फेल हो जाता है फिर भी 112 कंट्रोल यूनिट को कॉल करने वाले की लोकेशन का पता चलेगा। इसके आधार पर त्वरित सेवाएं उपलब्ध हो सकती है।
फर्जी कॉल की तो पकड़े जाएंगे
फ्री कॉल नंबर 100 और 101 पर शरारत के उद्देश्य से फर्जी कॉल आते हैं। इससे कर्मियों को परेशानी होती है। नई इमरजेंसी डायल नंबर पर ऐसी शरारती कॉल करने वाले का लोकेशन पता चल जाएगा जिसके आधार पर कानूनी कार्रवाई करना आसान होगा। फर्जी कॉल से तंग आकर फोन इंगेज करने की मजबूरी नहीं होगी।
राज्य मुख्यालय में मॉनीटरिंग
राज्य पुलिस मुख्यालय में जोनल स्तर के अधिकारी हरेक घटना पर ऑनलाइन नजर रखेंगे। मुख्यालय हरेक जिले की घटना-दुर्घटना की टै्रकिंग कर सकेगा। निर्धारित समय सीमा 28 मिनट में कार्रवाई नहीं होने पर जिम्मेदार पकड़ में आएंगे।