राजधानी के सभी प्रमुख स्कूलों में होगा बारिश के पानी का संरक्षण, 160 विद्यालय में चलेगी क्लास
राजधानी के 160 स्कूल में छात्र-छात्राओं को वर्षा जल संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में राजधानी के अधिकांश प्रमुख विद्यालयों को शामिल किया गया है।
नीरज कुमार, पटना। पर्यावरण में हो रहे बदलाव से भूगर्भ जल के स्तर पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण भूगर्भ जल का अत्यधिक दोहन भी है। अब भूगर्भ जल के स्तर में सुधार के लिए सरकार ने वर्षा जल संरक्षित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्कूलों को माध्यम बनाया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सबसे पहले इसे जिले के 160 विद्यालयों में लागू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में राजधानी के अधिकांश प्रमुख विद्यालयों को शामिल किया गया है। इसके अलावा 53 उन स्कूलों को भी शामिल किया गया है, जहां पर अभी भवन निर्माण का कार्य चल रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति कुमार का कहना है कि भूगर्भ जल के अत्यधिक दोहन से भविष्य में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। उससे निपटने के लिए सरकार ने वर्षा जल संरक्षण को विशेष महत्व दिया है। प्रथम चरण में जिले के वैसे 160 विद्यालयों का चयन किया गया है जिनके परिसर बड़े हैं। वहां पर सबसे पहले भवनों की छतों को ठीक किया जाएगा। उसके बाद विद्यालय में पाइप का जाल बिछाकर बूंद-बूंद पानी को सोख्ता के माध्यम से भू-गर्भ में पहुंचाने के लिए समुचित उपाय किए जाएंगे। नए विद्यालयों के भवन निर्माण के दौरान ही जल संरक्षण के लिए राशि की व्यवस्था की गई है। पुराने विद्यालय विकास फंड से या छात्र शुल्क की राशि का उपयोग वर्षा जल संरक्षण के लिए कर सकते हैं।
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जल स्तर बनाये रखने में मिलेगी मदद
वर्षा जल संरक्षण से राजधानी का भू-गर्भीय जलस्तर बचाए रखने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के दिनों में राजधानी में भी भू-गर्भ जल तेजी से नीचे जा रहा है। विद्यालयों में वर्षा जल संरक्षण से ब'चों के साथ-साथ समाज को भी संदेश जाएगा। स्कूलों की देखा-देखी से गांव एवं शहरों के लोग भी वर्षा जल का संरक्षण करेंगे।
जल्द शुरू किया जाएगा काम
मिलर स्कूल पटना के प्राचार्य डॉ. आजाद चंद्रशेखर प्रसाद चौरसिया ने कहा कि सरकार से निर्देश प्राप्त हुआ है। अब जल्द ही इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा। सरकार से कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश की मांग की गई है। वर्षा जल संरक्षण के बारे में अब तक ब'चों को पढ़ाया जाता था, लेकिन पहली बार करके दिखाया जाएगा। इसका ब'चों पर अ'छा प्रभाव पड़ेगा।